अशोक गहलोत बाड़ाबंदी और प्रशिक्षण शिविर में नहीं कर पा रहे अंतर : राजेंद्र राठौड़

राजेंद्र राठौड़
राजेंद्र राठौड़

जयपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अशोक गहलोत के बयानों को खारिज करते हुए कहा कि गहलोत साहब बाड़ाबंदी और प्रशिक्षण में अंतर नहीं कर पा रहे है। शायद गहलोत पैरामाउंट और सूर्यमहल होटल भी भूल गए, जहां से उन्होंने 34 दिनों तक सरकार चलाई। अब सरकार चले जाने के बाद गहलोत को अपने पुराने घाव याद आ रहे है, जब षड्यंत्र करके उनकी सरकार गिराने की कोशिश की गई थी, ”कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना”। गहलोत अपने राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट से चर्चा कर लेते तो उनके पंसदीदा शब्द नकारा और निकम्मा नहीं बोलते।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि भाजपा में प्रशिक्षण प्रकोष्ठ बना हुआ है, भारतीय जनता पार्टी में प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है, जो देशभर में जिन जिन राज्यों में भाजपा सरकार है, वहां प्रशिक्षण शिविर चलते रहते है। ऐसे में गहलोत द्वारा मौज—मस्ती जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना सरासर गलत है। भजनलाल सरकार लगातार जनहित में नीतिगत फैसले कर रही है। फिर चाहे बिजली की समुचित व्यवस्था हो या फिर पानी की व्यवस्था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अल्प कार्यकाल में इस बार ​भीषण गर्मी के दौर में भी ना तो बिजली कटौति की जा रही है और ना ही पानी की समस्या आ रही है। यह सब हो पाया है भजनलाल सरकार की नीतियों के चलते।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मौज—मस्ती के बारे में राहुल गांधी से सवाल पूछना चाहिए, इनके राजकुमार हर तीसरे माह में मौज मस्ती करने के लिए विदेश भ्रमण पर जाते है और विदेश में जाकर भारत के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करते है। भाजपा के प्रशिक्षण में अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा गुड गवर्नेंस के लिए और पारदर्शी शुचिता के साथ तथा नीतिगत निर्णय कैसे करें, किस प्रकार से जनप्रतिनिधि का आचरण हो, इस पर विभिन्न सत्रोंं में विचार—विमर्श होता है। कांग्रेस में प्रशिक्षण के नाम पर बाड़ाबंदी होती थी, केवल विमान यात्रा पर 3 करोड़ रूपए खर्च कर दिए जाते थे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजनीति में सवाल पूछना एक जनप्रतिनिधि का संवैधानिक अधिकार होता है, लेकिन सवाल रिश्वत से जुड़ा हो तो कानूनी कार्रवाई के लिए जांच एजेंसियां स्वतंत्र है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी निरस्त करने की मांग कर रहे है, जबकि इनके मामले में उच्चतम न्यायालय से इनको स्थगन मिल गया है, ऐसे में न्यायालय के मामले में सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। प्रेसवार्ता के दौरान मंच पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज उपस्थित रहे।