
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर ‘राष्ट्रीय युवा संसद समारोह’ को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है।
अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं। स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का, इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है। ये स्वामी विवेकानंद जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है, जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो समाज संकटों में भी प्रगति के रास्ते बनाना सीख लेता है, वो समाज अपना भविष्य खुद लिखता है। इसलिए आज भारत और 130 करोड़ भारतवासी अपना उत्तम भविष्य खुद गढ़ रहे हैं।
कुछ लोग परिवार की राजनीति को देते हैं तरजीह : पीएम
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है। ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है। राजनीतिक वंशवाद, Nation First के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मज़बूत करता है। ये भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है।
भारत के युवाओं को परिवार-आधारित राजनीति की इस प्रथा को समाप्त करने के लिए राजनीति में प्रवेश करने की आवश्यकता है। हमारी लोकतांत्रिक प्रथाओं को बचाना महत्वपूर्ण है। युवाओं को सेंट्रल हॉल तक पहुंचने की जरूरत है। भविष्य में राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए हमें आने वाली पीढ़ी को तैयार करना होगा।
राजनीतिक वंशवाद को जड़ से उखाड़ना होगा : मोदी
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने वंशवाद की राजनीति पर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था, तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है। क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार। लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है, लेकिन सियासत नहीं बदल सकती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है। Honesty और Performance आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। भ्रष्टाचार जिनकी legacy थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं। कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं, लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।