ऑस्ट्रेलिया ने रचा इतिहास, छठी बार बना टी20 विश्व चैंपियन

austrelia t20 win

मूनी को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया

गार्डनर को प्लेयर ऑफ द सीरीज के पुरस्कार से नवाजा गया

केप टाउन। ऑस्ट्रेलिया ने महिला टी20 विश्व कप 2023 के फाइनल में मेज़बान दक्षिण अफ्रिका को 19 रन से हराकर छठी बार टी20 विश्व चैंपियन का ताज अपने सिर सजाया। न्यूलैंड्स मैदान पर खेले गये खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने बेथ मूनी (74 नाबाद) के अर्द्धशतक की बदौलत दक्षिण अफ्रीका के सामने 157 रन का लक्ष्य रखा। इसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका लौरा वुलवार्ड (61) के जुझारू पचासे के बावजूद 137 रन तक ही पहुंच सका। घरेलू प्रशंसको के समर्थन के साथ दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को हाथ खोलने का मौका नहीं दिया, लेकिन बड़े मैच की बड़ी खिलाड़ी मूनी ने अकेले संघर्ष करते हुए अपनी टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।

मूनी 53 गेंद पर नौ चौकों और एक छक्के के साथ 74 रन बनाकर टी20 विश्व कप फाइनल में दो अर्द्धशतक जड़ने वाली पहली खिलाड़ी बन गयीं। लक्ष्य का पीछा करते हुए वुलवार्ड ने अर्द्धशतक जड़ा, हालांकि कोई और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज उनका साथ नहीं दे सका। वुलवार्ड ने 48 गेंद पर पांच चौकों और तीन छक्कों के साथ 61 रन बनाये। पारी के 17वें ओवर में वुलवार्ड का विकेट गिरते ही दक्षिण अफ्रीका की तमाम उम्मीदें समाप्त हो गयीं। अब तक आयोजित आठ महिला टी20 विश्व कपों में दिग्गज ऑस्ट्रेलिया सात बार फाइनल में पहुंचा है। छह बार के विश्व चैंपियन ने इस जीत के साथ महिला टी20 विश्व कप जीतने की हैट्रिक पूरी की है।

ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी लेकिन सलामी बल्लेबाज एलिसा हीली को रन बनाने के लिये संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने मूनी के साथ पहले विकेट के लिये 36 रन जोड़े, हालांकि वह खुद 20 गेंद पर 18 रन ही बना सकीं। हीली का विकेट गिरते ही मूनी और एशले गार्डनर ने मोर्चा संभालकर ऑस्ट्रेलियाई पारी की रफ्तार बढ़ा दी। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरी गार्डनर ने तेज खेलते हुए 21 गेंद पर दो चौकों एवं दो छक्कों के साथ 29 रन बनाये और मूनी के साथ दूसरे विकेट के लिये 46 रन की साझेदारी की। ऑस्ट्रेलिया 11 ओवर में 79 रन बनाकर बड़े स्कोर की ओर अग्रसर था मगर दक्षिण अफ्रीका ने 12वें ओवर में गार्डनर का विकेट गिराकर रनगति पर लगाम कस दी।

ऑस्ट्रेलिया ने इस दौरान ग्रेस हैरिस (नौ गेंद, 10 रन) और मेग (11 गेंद, 10 रन) के विकेट भी सस्त में गंवाये, लेकन मूनी ने अपना आक्रमण जारी रखा। ऑस्ट्रेलिया 17 ओवर में 122 रन ही बना सका, लेकिन मूनी ने अंतिम ओवरों में 34 रन जोड़कर अपनी टीम को 156/6 के स्कोर तक पहुंचा दिया। दक्षिण अफ्रीका की ओर से मरिज़ाने कैप और शबनम इस्माइल ने दो-दो विकेट लिये, जबकि क्लोए ट्रायन और नोनकुलुलेको एम्लाबा को एक-एक सफलता हासिल हुई। इस्माइल चार ओवर में 26 रन देकर उनकी सबसे किफायती गेंदबाज साबित हुईं। ऑस्ट्रेलिया ने अपने स्कोर को चुनौतीपूर्ण बनाने के लिये पहले ही ओवर से कसी हुई गेंदबाजी की।

दक्षिण अफ्रीका पांच ओवर में 17 रन तक ही पहुंच सका और सलामी बल्लेबाज टाज़मिन ब्रिट्स 10 (17) रन बनाकर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में आउट हो गयीं। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरीं कैप ने दो शानदार चौके लगाकर 11 रन बनाये लेकिन वह भी अपनी पारी की 11वीं गेंद पर आउट हो गयीं। दक्षिण अफ्रीका को जब 11 ओवर में 111 रन की जरूरत थी तब कप्तान सुने लूस मौके की नज़ाकत को देखते हुए खुद बल्लेबाजी करने उतरीं, हालांकि उनके दुर्भाग्यपूर्ण रनआउट से टीम को बड़ा झटका लगा। लूस का विकेट गिरने के बाद क्रीज़ पर आईं क्लोए ट्रायन को रन बनाने के लिये कड़ा संघर्ष करना पड़ा। दूसरी ओर से हालांकि वुलवार्ड ने कुछ अच्छे शॉट खेलकर मैदान में मौजूद दर्शकों की उम्मीदें जगायीं।

उन्होंने 13वें ओवर में ताहलिया मैकग्रा को छक्का लगाकर आक्रमण शुरू किया और अगले तीन ओवर में प्रोटियाज ने 39 रन जोड़े। वुलवार्ड इस मैच को मेजबान टीम के पक्ष में कर ही रही थीं कि तभी कप्तान लैनिंग ने गार्डनर को गेंद सौंप दी। गार्डनर ने 16वें ओवर में सिर्फ छह रन दिये। दक्षिण अफ्रीका को अंतिम चार ओवर में 53 रन की दरकार थी जिसके दबाव में वुलवार्ड पगबाधा आउट हो गयीं। क्रीज पर मौजूद दक्षिण अफ्रीका की आखिरी उम्मीद ट्रायन (23 गेंद, 25 रन) को अगले ओवर में जेस जॉनसन ने चलता कर दिया। दक्षिण अफ्रीका 20 ओवर में 137/6 तक ही पहुंच सका और ऑस्ट्रेलिया ने एक बार फिर टी20 विश्व कप ट्रॉफी उठा ली। मूनी को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया, जबकि गार्डनर को प्लेयर ऑफ द सीरीज के पुरस्कार से नवाजा गया।