भारत की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने दक्षिण अफ्रीका में शानदार वापसी की है। कंपनी का पहला बड़ा शिपमेंट हाल ही में डर्बन पोर्ट (Durban Port) पर पहुंचा, जिसमें कुल 485 गाड़ियां उतारी गईं। खास बात यह रही कि इस खेप में सबसे पहले टाटा हैरियर (Tata Harrier) को उतारा गया, जिसने वहां पहुंचते ही लोगों का ध्यान खींच लिया।
डर्बन पोर्ट पर खास जश्न
टाटा मोटर्स ने इस खेप में अपनी चार पॉपुलर गाड़ियां—हैरियर (Harrier), टियागो (Tiago), पंच (Punch) और कर्व (Curvv)—भेजी हैं। ये कारें स्वान ऐस कार्गो शिप (Swan Ace Cargo Ship) के जरिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचीं। मौके पर ट्रांसनेट पोर्ट ऑफ डर्बन (Transnet Port of Durban) और टाटा मोटर्स के अधिकारी मौजूद थे।एक खास रिबन-कटिंग सेरेमनी भी हुई, जिसमें टाटा मोटर्स और साउथ अफ्रीका की डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर मोटस TMPV साउथ अफ्रीका (Motus TMPV South Africa) के टॉप एग्जीक्यूटिव शामिल हुए। इस इवेंट ने साफ कर दिया कि कंपनी केवल गाड़ियां बेचने नहीं, बल्कि लंबे समय तक मार्केट में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने आई है।
क्या बोले अधिकारी?
थाटो मगासा, CEO, मोटस TMPV साउथ अफ्रीका ने कहा—“यह सिर्फ कारों की डिलीवरी नहीं, बल्कि टाटा मोटर्स और साउथ अफ्रीका दोनों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है। यह साझेदारी यहां की अर्थव्यवस्था और रोजगार को नई गति देगी।”
टाटा की वापसी क्यों अहम?
साल 2019 के बाद पहली बार टाटा मोटर्स ने दक्षिण अफ्रीका में कारें भेजी हैं। महामारी और लॉकडाउन के चलते कंपनी को यहां की डिलीवरी रोकनी पड़ी थी। अब जब सस्ती और भरोसेमंद गाड़ियों की डिमांड बढ़ रही है, तो टाटा मोटर्स ने बड़ा दांव खेला है।इसके जरिए कंपनी का मकसद महिंद्रा जैसी पहले से मौजूद भारतीय कंपनियों को कड़ी टक्कर देना है। साथ ही, टाटा आने वाले समय में लोकल असेंबली प्लांट शुरू करने की तैयारी में है, जिससे प्रोडक्शन की लागत कम होगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार व साझेदारियां बढ़ेंगी।
आगे की रणनीति
फिलहाल, टाटा ने हैरियर, टियागो, पंच और कर्व लॉन्च की हैं। लेकिन अगर रिस्पॉन्स बेहतर रहा तो जल्द ही सफारी (Safari), अल्ट्रोज़ (Altroz) और हैरियर ईवी (Harrier.ev) भी साउथ अफ्रीका में उतारी जा सकती हैं।