बलबीर सीनियर: पाकिस्तान से भी आई श्रद्धांजलि

हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह,great senior Hockey playerBalbir Singh
हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह,great senior Hockey playerBalbir Singh

विश्व कप 1975 में भारत ने पाकिस्तान को 21 से हराकर विश्व कप अपने नाम किया था। इस टीम के सदस्य रहे बलबीर सिंह सीनियर के निधन पर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है। तीन बार के ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर को युवाओं के लिए ‘रोलमॉडल’ बताते हुए पाकिस्तान के दिग्गज हॉकी खिलाडिय़ों ने कहा कि वह महान खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे जिनसे काफी कुछ सीखा जा सकता है।

बलबीर सिंह सीनियर के निधन पर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है।

भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और कोच बलबीर सीनियर का लंबे समय से चल रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बाद सोमवार को मोहाली में निधन हो गया। लॉस एंजिलिस ओलिंपिक (1984) में स्वर्ण पदक जीतने वाले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान हसन सरदार ने कहा, ‘बलबीर सिंह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे उपमहाद्वीप में एक लेजेंड थे।

यह भी पढ़े-अमिताभ बच्चन को याद आए स्कूल के दिन, बलबीर सिंह सीनियर को दी श्रद्धांजलि

तीन ओलंपिक स्वर्ण जीतकर उन्होंने महानतम हॉकी खिलाडिय़ों में अपना नाम शामिल कर लिया था।’ उन्होंने 1982 दिल्ली एशियाई खेलों के दौरान बलबीर से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, ‘वह बहुत अच्छे इंसान भी थे। मुझे याद है कि उन्होंने पंजाबी में मुझसे कहा था, ‘सान्नू घट्ट गोल करीं (हमारे खिलाफ कम गोल करना। उन्होंने मेरे प्रदर्शन की तारीफ भी की थी।’

अपने दौर के सर्वश्रेष्ठ सेंटर फॉरवर्ड में शुमार हसन के शानदार प्रदर्शन से पाकिस्तान ने 1982 एशियाई खेलों का स्वर्ण और उसी साल मुंबई में विश्व कप जीता था जिसमें वह मैन ऑफ द मैच रहे थे। इन दोनों टूर्नामेंटों और 1976 मॉन्ट्रियल ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता पाकिस्तानी टीम के सदस्य रहे समीउल्लाह को उनके चाचा और 1960 रोम ओलिंपिक की स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तानी टीम के लिए खेलने वाले मोतिउल्लाह ने बलबीर सीनियर के खेल के बारे में बताया था।

समीउल्लाह ने कहा, ‘बलबीर सीनियर मेरे अंकल मोतिउल्लाह के दौर में खेलते थे। उन्होंने मुझे उनकी रफ्तार और गेंद पर कमाल के नियंत्रण के बारे में बताया। मरहूम ओलिंपियन अनवर अहमद ने भी बताया कि बलबीर सीनियर जैसी रफ्तार किसी के पास नहीं थी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं 1975 के भारत दौरे पर उनसे और ध्यानचंद जी से मिला था और उसे मैं कभी भूल नहीं सकता।’ सिडनी विश्व कप 1994 जीतने वाली पाकिस्तानी टीम के कप्तान और तीन बार के ओलिंपियन शाहबाज अहमद (शाहबाज सीनियर) ने बताया कि 1987 में लखनऊ में इंदिरा गांधी कप के दौरान बलबीर सीनियर ने उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ की ट्रॉफी दी थी और वह उनकी तरबियत के कायल हो गए थे।

बलबीर सिंह सीनियर को पाकिस्तान के दिग्गज हॉकी खिलाडिय़ों ने युवाओं के लिए रोलमॉडल बताया है

उन्होंने कहा, ‘मैं तब पहली बार उनसे मिला था और मैने देखा कि वह महान खिलाड़ी ही नहीं बेहद विनम्र और उ दा इंसान भी हैं। उसके बाद भुवनेश्वर में 2018 विश्व कप के दौरान आखिरी बार उनसे मुलाकात हुई और वह तब भी बिल्कुल नहीं बदले थे।’ उन्होंने कहा, ‘मैं दुआ करता हूं कि उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शासित मिले।

यह भी पढ़े-हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का निधन

हॉकी ने एक आला खिलाड़ी खो दिया। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लेट हाफ में शुमार और पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले वसीम अहमद ने कहा कि बलबीर सीनियर का हॉकी के लिए प्यार एक मिसाल था। उन्होंने कहा, ‘मैं उनका बहुत बड़ा मुरीद हूं और हॉकी के लिए उनकी मुह बत तो मिसाल है। अपने देश के लिए उन्होंने इतनी उपलब्धियां हासिल की और उनका दर्जा किसी महानायक से कम नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं जब उनसे मिला तो मेरे लिए वह किसी हीरो की तरह थे और आने वाली कई पीढिय़ों के लिए रहेंगे।