कॉन्टैक्ट लेंसेज का इस्तेमाल करते हैं तो हों जाएं सावधान, बारिश में बढ़ जाता है इन्फेक्शन का खतरा

मानसून में कॉन्टैक्ट लेंसेज कहीं बन न जाएं इन्फेक्शन की वजह
मानसून में कॉन्टैक्ट लेंसेज कहीं बन न जाएं इन्फेक्शन की वजह

मॉनसून के दिनों में आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों की आंखें पहले से कमजोर हैं उन्हें ज्यादा परेशानी हो सकती है। ऐसे लोगों को मॉनसून में ड्राइव करते समय भी दक्कित का सामना करना पड़ता है। मॉनसून में चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करने वाले लोगों को आंखों का खास ख्याल रखना चाहएि। कॉन्टैक्ट लेंस भले ही आपके विजन को बेहतर करने में मदद करते हैं पर आप इनका इस्तेमाल सही ढंग से न करें, तो ये आंखों के लएि परेशानी का कारण बन सकते हैं। खासतौर पर मॉनसून के दौरान आपको कॉन्टैक्ट लेंस को इस्तेमाल करने का सही तरीका जान लेना चाहएि। इस लेख में हम कुछ आसान टप्सि के बारे में बात करेंगे जन्हिें आपको मॉनसून के दौरान जरूर ट्राई करना चाहएि। अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस लगाते हैं, तो ये टिप्स आपके लएि मददगार साबति होंगी।

मानसून में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले अपना ध्यान कैसे रखें?

अपने हाथ साफ रखें

अपने हाथ साफ रखें
अपने हाथ साफ रखें

कॉन्टैक्ट लेंस पहनते वक्त सबसे पहली बात, जिसे आपको याद रखना चाहिए वह है अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से साफ करना। यह किसी भी तरह की संभावित गंदगी या बैक्टीरिया को लेंस पर चिपकने से रोकेगा और संभावित रूप से आंखों में संक्रमण पैदा करने से रोकने में मदद मिलेगी।

धूप का चश्मा पहनें

धूप का चश्मा पहनें
धूप का चश्मा पहनें

आंखों को बारिश और हवा से बचाने के लिए धूप का चश्मा पहनें। इससे कॉन्टैक्ट लेंस को सूखा रखने में मदद मिलेगी।

आई ड्रॉप का इस्तेमाल

आंखों को नम रखने के लिए आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें। यह आपके कॉन्टैक्ट लेंस को ड्राई होने से बचाने में मदद करेगा।

लेंस केस साथ रखें

कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों को अपने साथ एक लेंस केस हमेशा साथ रखना चाहिए। अगर कॉन्टैक्ट लेंस गंदे हो जाते हैं या सूख जाते हैं, तो उन्हें हटाकर उसके केस में रख सकते हैं, जिससे वे सुरक्षित रहेंगे।

पानी से बचें

बारिश के मौसम में लेंस पहनने वालों को अपनी आंखों को पानी से बचाना चाहिए। हालांकि, बारिश के अलावा इसे किसी भी रूप में भीगने से बचाना चाहिए जैसे स्विमिंग पूल, शावर, हॉट टब आदि। ऐसा इसलिए है क्योंकि पानी में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो जलन और यहां तक कि आंखों में संक्रमण भी पैदा कर सकते हैं।

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