इजरायल: पांचवीं बार पीएम बने बेंजामिन नेतन्याह

बेंजामिन नेतन्याहू, Benjamin Netanyahu
बेंजामिन नेतन्याहू, Benjamin Netanyahu

कोरोना वायरस महामारी के बीच इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पांचवीं बार पीएम पद की शपथ लेने वाले हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों और तीन बार चुनावों में बहुमत न मिलने के बावजूद उन्होंने राजनीतिक गठजोड़ से पीएम पद पा लिया। पांचवीं बार पीएम बनने के लिए उन्होंने अपने विपक्षी बेनी गांत्ज से हाथ मिलाया है।

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पांचवीं बार पीएम पद की शपथ लेने वाले हैं।

भारत का तीसरा सबसे बड़ा रक्षा सहयोगी है इस्राइल प्रधानमंत्री मोदी और नेतन्याहू ने एक-दूसरे के देशों के दौरे करके करीबी संबंध स्थापित किए हैं। नेतन्याहू ने अपने चुनाव प्रचार में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के पोस्टरों का भी इस्तेमाल किया था।

इस्राइल का प्रधानमंत्री पांचवीं बार बनने के लिए बेंजामिन नेतन्याहू ने विपक्षियों से हाथ मिलाया है

व्यापार, निवेश, आईटी, हाई टेक्नॉलोजी और रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध से दोनों देशों को लाभ हुआ है। इस्राइल भारत का तीसरा सबसे बड़ा रक्षा सहयोगी है। किसी भी नई सरकार से इन संबंधों के प्रभावित होने की संभावना नहीं है।

ब्रिटेन की हाईकोर्ट से विजय माल्या को तगड़ा झटका, 28 दिनों में वापस लौट सकता है भारत
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करने को लेकर माल्या की अपील को ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया है। सूत्रों की मानें तो अब माल्या के बचने के सारे रास्ते खत्म हो चुके हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अब उसके पास कोई कानूनी रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में अब उ मीद है कि उसको महीने भर के अंदर भारत को सौंपा जा सकता है। दरअसल अब विजय माल्या को 28 दिनों के भीतर भारत भेजा जा सकता है।

हालांकि, यह फैसला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को करना है। ब्रिटेन के हाईकोर्ट की तरफ से माल्या को ऐसे समय में झटका लगा है, जब पिछले ही महीने माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।

हालांकि, पिछले कुछ समय से विजय माल्या बिना किसी शर्त के अपने कर्ज के 100 फीसदी हिस्से को वापस लौटाने की बात करता आ रहा है।

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