सावन में इन शिव मंदिरों में जाने से मिलेंगे भोलेनाथ

सावन में शिव की पूजा
सावन में शिव की पूजा

सावन का पावन महीना शुरू हो गया है। इस महीने में पूरे जोरों-शोरों से भोलेनाथ की भक्ती की जाती है। उन्हें खुश करने के लिए व्रत रखे जाते है। वहीं कई सारे भक्त मंदिरों में गंगाधारी के दर्शन करने के लिए जाते हैं। इन मंदिरों में बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए लंबी कतार लगती है। लोग दूर-दूर से यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसे में अगर आप भी भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने जाना चाहते हैं तो आइए आपको बताते हैं आपको कुछ मंदिरों के बारे में जिसके दर्शन आपको जरूर करने चाहिए…

सोमनाथ मंदिर

सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ मंदिर

गुजरात स्थित सोमनाथ शिव मंदिर देश-दुनिया में काफी मशहूर है। बारह ज्योर्तिलिंग में से एक होने की वजह से इस मंदिर की अपनी अलग मान्यता है। यहां हर साल भारी संख्या में दूर-दूर से भक्त भोलबाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सावन में इस मंदिर के दर्शन करना शुभ माना जाता है।

महाकालेश्वर मंदिर

महाकालेश्वर मंदिर
महाकालेश्वर मंदिर

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल बी दुनियाभर में काफी मशहूर है। यहां हर साल भारी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। खासतौर पर सावन के महीने यहां लोगों की काफी भीड़ देखने को मिलती है। यहां सावन के दौरान बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है, जिसके तहत भोलेनाथ नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानते हैं।

श्री बृहदेश्वर मंदिर

तमिलनाडु के तंजौर में मौजूद यह मंदिर भगवान के सबसे प्राचीन और विशाल मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि इस मंदिर को 11 वीं शताब्दी में चोल प्रथम ने बनवाया था। सावन में महीने में अगर आप शिव मंदिर जाने का सोच रहे हैं, तो आप यहां जा सकते हैं। इस मंदिर को भक्त पेरिया कोविल, राजराजेश्वर और राजराजेश्वरम के नाम से भी जाना जाता हैं।

बैद्यनाथ मंदिर

झारखंड के देवघर में मौजूद बैद्यनाथ मंदिर भी भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर को भी शिव के प्राचीन मंदिरों में गिना जाता है। सावन में महीने में यहां र भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। यह मंदिर अपनी कथाओं और वास्तुकला की शैली के लिए भी जाना जाता है।

भोजपुर मंदिर

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कुछ दूरी पर स्थित भोजपुर मंदिर भी भगवान शिव के प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक है। प्राचीन काल में बने इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग को सबसे विशाल शिवलिंग का दर्जा मिला हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर एक रात में बनकर तैयार हुआ था।

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