
हाई कोर्ट ने भी बिभव कुमार की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोपित बिभव कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। शुक्रवार को बिभव की पुलिस हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया।
कोर्ट ने बिभव कुमार को 28 मई को शुक्रवार तक की पुलिस हिरासत में भेजा था। 27 मई को कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। आज ही दिल्ली हाई कोर्ट ने बिभव कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के सुनवाई योग्य होने के सवाल पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बिभव के वकील ने कहा: आरोपी को गिरफ्तारी की वजह नीं बताई गई
सुनवाई के दौरान विभव के वकील एन हरिहरन ने कहा कि इस मामले में जांच अधिकारी को यह देखना चाहिए था कि उसमें गिरफ्तारी की जरूरत है या नहीं, उसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अर्नेश कुमार के फैसले के आधार पर गिरफ्तारी को चुनौती दी जा सकती है। बिभव के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले गिरफ्तारी के आधार और वजह आरोपित को नहीं बताया गया। गिरफ्तारी के आधार को लिखित मे दर्ज करना है। अपराध प्रक्रिया की धारा 41ए के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।
बिभव कुमार को 18 मई को किया था गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने 18 मई को बिभव को गिरफ्तार किया था। इस मामले में स्वाति मालीवाल ने 17 मई को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था। घटना 13 मई की है। दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज की थी।
जांच के लिए मुम्बई भी लेकर गई पुलिस
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस बिभव को जांच के सिलसिले में मुम्बई भी लेकर गई थी। बिभव पर आरोप है कि उसने अपने मोबाइल को फॉरमेट कर दिया था और डेटा मुम्बई में किसी व्यक्ति को सौंप दिया था। पुलिस ने वहां से वह डेटा बरामद करने का दावा भी किया है।
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