त्योहारों के शुरू होने से पहले सरकार का बड़ा फैसला, चावल के दाम कम कर जनता को राहत देने की तैयारी

घरेलू बाजार में चावल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार त्योहार से पहले बड़ा कदम उठाने जा रही है। तिवारी सीजन की शुरुआत से पहले सरकार की ओर से जनता के लिए यह बड़ा तोहफा दिए जाने की तैयारी है। केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट ड्यूटी को 31 मार्च 2024 तक के लिए बढ़ाने का फैसला कर लिया है। इस संबंध में विदेश मंत्रालय भी नोटिफिकेशन जारी कर चुका है।

बता दें कि इससे पहले अगस्त के महीने में केंद्र सरकार ने चावल की कीमतों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से फैसला किया था कि उबले चावल के निर्यात पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी। इस समय सरकार का ये फैसला 16 अक्टूबर तक के लिए में था। सरकार का ये कदम गैर बासमती चावलों की कीमत को काबू में लाने के लिए अहम है। भारत से निर्यात होने वाला चावल में से 25 प्रतिशत चावल गैर बासमती होता है।

इसी कड़ी में सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला किया है। सरकार ने शुक्रवार को उसना चावल पर निर्यात शुल्क की अवधि अगले साल मार्च तक बढ़ा दी। इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। वित्त मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि उसना (सेला) चावल पर निर्यात शुल्क की अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 कर दिया गया है। पहले लगाए के शुल्क के साथ ही अब भारत सरकार ने फिर बड़ा कदम उठाया है। इसी कड़ी में सभी तरह के गैर-बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है।

चावल के दाम कम करने के लिए सरकार उठा रही कदम

गौरलतब है कि सरकार महंगाई को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इस पहले तक आओगे बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन भी लगा चुकी है। टूटे चावलों के निर्यात पर पिछले साल से ही रोक लगी हुई है। इस फाइनेंशियल ईयर की बात करें तो अप्रैल से जून तक 15.54 लाख टन गैर बासमती सफेद चावल का निर्यात हुआ था जबकि बीते वर्ष 11.55 लाख टन का ही निर्यात हुआ था।

सरकार के पैसे के बाद अब चावलों पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी जिससे इनका निर्यात कम होगा। इस कदम से चावल की कीमतों में गिरावट आने की संभावना बढ़ गई है। त्योहारों के शुरू होने से पहले सरकार लगातार कीमतों पर लगाम कसने की कोशिश कर रही है। सरकार के प्रयासों का फल है कि खाद्य वस्तुओं में गिरावट के बाद खुदरा महंगाई कम हुई है।

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