भारत-ब्रिटेन के हजारों युवाओं को नौकरी पाना होगा आसान… जानें कैसे?

शिक्षा समझौता
शिक्षा समझौता

भारत-ब्रिटेन के बीच हुए शिक्षा समझौते

लंदन। भारत-ब्रिटेन के युवाओं के लिए अब उच्च शिक्षा और नौकरी पाने की राह आसान होने वाली है। इसके लिए भारत-ब्रिटेन के बीच शिक्षा समझौते हुए हैं। ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों और भारतीय छात्रों ने इसकी सराहना की है। उन्होंने भारत-ब्रिटेन के बीच उच्च शैक्षणिक डिग्री को मान्यता देने के लिए हुए समझौते पर खुशी जताई है। इस समझौते से दोनों देशों के हजारों युवाओं को लाभ होने की उम्मीद है। यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की उनकी 10 वर्षीय रूपरेखा का हिस्सा है। ब्रिटेन सरकार ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। यूनिवर्सिटी यूके इंटरनेशनल (यूयूकेआई) की मुख्य कार्यकारी विविनी स्टर्न ने कहा कि यह ऐतिहासिक समझौता है। कई वर्षों से इसकी रूपरेखा बनाई जा रही थी। इसके बाद दोनों देश छात्रों की योग्यताओं को मान्यता देंगे और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करना और नौकरी पाना आसान होगा। गौरतलब है कि यूयूकेआई, ब्रिटेन के 140 से अधिक विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के परास्नातकों को मान्यता देना महत्वपूर्ण उपलिब्ध है। अब ब्रिटेन के उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों के भारतीय स्नातकों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों की मान्यता मिल सकेगी और भारत में सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरियों तक उनकी पहुंच हो सकेगी। ब्रिटेन के

समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर

बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में काम करने और प्रशिक्षण लेने के लिए इच्छुक भारतीय नर्सें, नर्सिंग सहायकों को अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से एक कार्य बल गठित करने की ईटीपी की प्रतिबद्धताओं के क्रियान्वयन के समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग ने कहा कि उच्च शिक्षा पर समझौते ज्ञापन से ब्रिटिश विश्वविद्यालयों से स्नातक करने वाले भारतीय छात्र अपने देश लौटने के बाद परास्नातक में दाखिले के लिए आवेदन दे सकेंगे या उन सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन दे सकेंगे, जिसमें स्नातक की डिग्री मांगी जाती है। ब्रिटेन और भारत पहले ही एक-दूसरे के छात्रों के लिए पढाई की पसंदीदा जगह हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में ब्रिटेन में 84,555 भारतीय छात्रों ने दाखिला लिया था।

एनआईएसएयू ने की सराहना

नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन (एनआईएसएयू) ने इस कदम की सराहना की है। एनआईएसएयू यूक्रे की प्रमुख सनम अरोड़ा का कहना है कि यह वास्तव में ऐतिहासिक फैसला है। यह भारत-ब्रिटेन के संबंधों की बड़ी उपलब्धि है। ब्रिटेन सरकार के एक बयान के अनुसार यह समझौता प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत वर्ष की गई भारत-ब्रिटेन वृहद व्यापार साझेदारी (ईटीपी) का हिस्सा है। इस समझौता ज्ञापन का मतलब है कि ए-स्तर और उनके समान, स्नातक और परास्नातक सभी डिग्री को अब भारत में भी मान्यता दी जाएगी।

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