भाजपा विधायक-सांसदों को गुजरात में मिलेगी गुड गवर्नेंस की सीख

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जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के सासंदों और विधायकों को गुजरात में सुशासन का पाठ पढ़ाया जाएगा। भाजपा की ओर से लोकसभा सासंदों, राज्य सभा सांसदों और विधायकों को अहमदाबाद में तीन दिन की गुड गवर्नेंस की ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। अहमदाबाद के नजदीक प्रतिष्ठित प्रवेग टेंट सिटी नर्मदा में होने वाले ट्रेनिंग कैंप को भाजपा ने सुशासन कांफ्रेंस नाम दिया है। कांफ्रेस 5 से 7 मई तक चलेंगी। इस कैंप का मूल मकसद विधायकों को सत्ता-संगठन में समन्वय, जनता से संवाद और पार्टी की रीति-नीति के अनुरूप कार्यशैली सिखाना होगा। 3 दिन तक सत्ता संगठन समन्वय, जनता समन्वय, सुशासन की अवधारणा, पार्टी की रीति-नीति के तहत जनता की सेवा आदि विषय पर राष्ट्रीय नेता अपना अपना संबोधन देंगे।

बता दें कि इस तरह का आयोजन पहली बार प्रदेश से बाहर किया जा रहा है, जहां राजस्थान के सभी , लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद और विधायक एक साथ गुजरात में प्रशिक्षण लेंगे। इस कदम को पार्टी की एकजुटता, अनुशासन और भविष्य की कार्ययोजना से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रशिक्षण सत्रों के साथ-साथ विधायकों से फीडबैक भी लिया जाएगा, जिसकी मदद से भजनलाल सरकार की एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जा सकती है। यह रिपोर्ट आने वाले कार्यकाल की नीतियों, मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन के पुनर्गठन में अहम भूमिका निभा सकती है। यह भी बताया जा रहा है कि इस शिविर के पश्चात राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल भी हो सकता है, क्योंकि सीएम भजनलाल के लगातार दिल्ली दौरों के बाद ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं।

अध्यक्ष ने लिया कार्यक्रम स्थल का जायजा

तीन दिन के कार्यक्रम को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी कार्यक्रम स्थल का गुजरात पहुंचकर जायजा लिया। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि इस 3 दिन तक चलने वाली कांफ्रेंस में राजस्थान के सभी बीजेपी से लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद और सभी बीजेपी के विधायक अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए राष्ट्रीय नेतृत्व अपना संबोधन देंगे। इस कांफ्रेंस का मकसद जनप्रतिनिधियों उनकी जवाबदेही के साथ जनता के बीच में किस तरह से कार्य किया जाए उसके बारे में बताना है। कांफ्रेंस की सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है, व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। नर्मदा टेंट सिटी में सभी विधायकों के रहने-खाने की व्यवस्था पार्टी की ओर से की गई है। यह ट्रेनिंग कैंप केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भाजपा के सुशासन मॉडल को धरातल पर उतारने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।

पार्टी सुशासन के साथ रीति और नीति पर विशेष फोकस

बताया जा रहा है कि इस कॉन्फ्रेंस में विधायकों को संगठनात्मक कौशल, सुशासन, जनसेवा और नीति-निर्धारण जैसे विषयों पर गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा, साथ ही पार्टी नेताओं द्वारा विधायकों से फीडबैक भी लिया जाएगा, जिससे आगे की रणनीतियों को अंतिम रूप दिया जा सके। राठौड़ ने बताया कि यह प्रशिक्षण शिविर पार्टी के ‘संपर्क से समर्थन’ और ‘संगठन से सेवा’ जैसे अभियानों को मजबूती देने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। इसमें विधायकों को केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ उनके संवैधानिक दायित्वों और विधानसभा में व्यवहारिक भूमिका पर भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। इस कांफ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ नेता, नीति विशेषज्ञ और अनुभवी प्रशासक विभिन्न विषयों पर व्याख्यान देंगे।

नए विधायकों को जनसेवा सीख देने की कोशिश

बताया जा रहा है कि यह प्रशिक्षण शिविर इसलिए भी जरूरी हो गया है क्योंकि राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के अधिकांश विधायक पहली बार चुनकर आए हैं। उन्हें संसदीय कार्य, संचालन, नीति निर्माण, जनसंपर्क और जनप्रतिनिधित्व की ज़मीनी हकीकतों से अवगत कराना आवश्यक है। इसी तरह से लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद को भी उनकी कार्यशैली को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जनता से जुड़ी मुद्दों को सदन में किस तरह से रखा जाए इसके साथ केंद्र राज्य सरकार की नीतियों और जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचे इसको लेकर प्रशिक्षित किया जाएगा.

पंचायत और निकाय चुनावों पर नजर

राजस्थान में वन स्टेट वन इलेक्शन के नियम के तहत संभावित नवंबर माह में पंचायत और निकाय के चुनाव होने हैं। सत्ताधारी पार्टी की सरकार होने के चलते बीजेपी की कोशिश होगी कि निकाय और पंचायत चुनाव में भी अच्छे मार्जिन के साथ में जीत हासिल हो। माना जा इस कांफ्रेंस के जरिए पार्टी से राजस्थान में आगामी पंचायत और निकाय चुनावों की तैयारी भी इस शिविर के केंद्र में रहेगी। पिछले चुनावों में विपक्ष में होने के कारण बीजेपी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब सत्ता में रहते हुए पार्टी को गांव-गांव में पकड़ मजबूत करने की जिम्मेदारी भी है। यह शिविर उस रणनीति को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।