भाजपा नि:संतान दंपत्तियों को देगी इलाज के लिए बीमा कवर

चिरंजीवी
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आईवीएफ को आयुष्मान, चिरंजीवी योजना में शामिल करने की तैयारी

जयपुर। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने विधानसभा चुनावों में अपने घोषणा पत्र में जो वादा किया था उसे अब नई भजनलाल सरकार पूरा करने जा रही है। नि:संतान दंपत्तियों के लिए विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी आईवीएफ तकनीक से होने वाले इलाज को बीमा के दायरे में लाने जा रही है। मौजूदा में आईवीएफ तकनीक सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की बीमा कंपनियों के बीमा कवर से बाहर है। औसतन एक बार इस इलाज का खर्च 150000 से 250000 रुपए तक आता है। सबसे ज्यादा लागत इसमें कंसलटेंसी की आती है। इसमें नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लेना होता है जिसका शुल्क सामान्य इलाज से काफी ज्यादा होता है। वहीं पहली बार में इसके सफल होने की गारंटी भी बहुत कम होती है। ऐसे में निम्न आय वर्ग वाले नि:संतान दंपत्ति संतान प्राप्ति के लिए इस इलाज की तरफ जाने से कतराते हैं। भाजपा नि:संतान दंपत्तियों को देगी इलाज के लिए बीमा कवर

सीएम भजनलाल शर्मा
सीएम भजनलाल शर्मा

अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय की तरफ से कवायद शुरू कर दी गई है। निदेशायल की तरफ से आयुश्मान भारत व चिरंजीवी योजना का उल्लेख करते हुए राजकेयर ढ्ढङ्कस्न सेंटर महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट जयपुर तथा एम्स जोधपुर को पत्र लिखा गया है। इसमें इन अस्पतालों से आईवीएफ तकनीक एवं इसके उपचार पर होने वाले खर्च से जुड़ी जानकारी मांगी गई है।

अन्य राज्यों में भी आईवीएफ पर मिल रही वित्तीय सहायता

गौरतलब है कि राजस्थान से पहले कुछ अन्य राज्य भी निम्न आय वर्ग वाले दंपत्तियों को आईवीएफ तकनीक से इलाज पर वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। इनमें पिछले साल ही गोवा ने एससी-एसटी वर्ग के दंपत्तियों को आईवीएफ इलाज के लिए कुछ अस्पतालों को सूची बद्ध किया है।

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