
अलवर। भाजपा के बड़े नेताओं ने अलवर के कठूमर में हो रहे पंचायत चुनाव में चौंका दिया है। यहां पूर्व चेयरमैन सतीश चौधरी के बेटे, बेटी ही नहीं बल्कि दोनों बेटों की बहू को डेलिगेट मेंबर्स (जिला परिषद) का चुनाव लड़वा दिया। एक ही पंचायत समिति के अलग-अलग वार्डों से चुनाव लड़ा है।
कठूमर कृषि मंडी के पूर्व चेयरमैन सतीश चौधरी की पुत्र वधू संगम वार्ड 4 से, बेटी लक्ष्मी कुमारी वार्ड 20 से, पुत्र वधू रेखा वार्ड 8 से और बेटा विश्वेंद्र ने वार्ड 25 से चुनाव लड़ा है। अब वोट भी डल चुके हैं। परिणाम आना बाकी है। रेखा पूर्व चेयरमैन के भाई के बेटे की पत्नी है।
ये चारों प्रत्याशी ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 31 वर्षीय संगम एमए बीएड हैं। 24 वर्षीय लक्ष्मी कुमारी एमकॉम हैं। विश्वेंद्र ग्रेजुएट हैं। 30 वर्षीय रेखा एमए बीएड हैं। इनमें से तीन पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। संगम पहले सरपंच रही हैं। पूर्व चेयरमैन के बेटे विश्वेंद्र का दावा है कि कठूमर में उनकी पार्टी का एकतरफा प्रधान बनेगा। वे चारों सीटों पर जीत भी रहे हैं। इसी शर्त पर पार्टी ने उनको टिकट दिए हैं। ये चारों सीट जीतेंगे। इससे ही अनुमान लगा सकते हैं कि प्रधान भाजपा का ही बनेगा।
बताया जा रहा है कि डेलिगेट के चुनाव में संभवत: यह पहला मामला है कि किसी राष्ट्रीय पार्टी ने एक ही परिवार के चार लोगों को टिकट दिया। वह भी एक ही पंचायत से। सभी ने चुनाव लड़ा है। यह चुनाव बहुत अधिक चर्चा में रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि इनमें से कितनों को जीत मिलती है।
अलवर में भाजपा कार्यकर्ता का कहना है कि पार्टी की यह परिपाटी गलत है। इससे कार्यकर्ताओं को निराशा हाथ लगी है। भविष्य में नए कार्यकर्ताओं को जोडऩे में भी परेशानी आती है। जो पार्टी के लिए आगे रहते हैं। उनको उम्मीद रहती है कि गांव के छोटे चुनावों में टिकट मिलेगा। यहां पूरी उम्मीद टूट गई।
हालांकि कठूमर में कांग्रेस पार्टी भी बराबर ताल ठोक रही है। कांग्रेस के विधायक बाबूलाल बैरवा का कहना है कि कठूमर में कांग्रेस का ही प्रधान बनेगा। एक ही परिवार के लोगों टिकट देने से जनता में बड़ी नाराजगी थी, जिसका भी कांग्रेस को फायदा मिलेगा।
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