
जयपुर। महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मंगलवार को कटारा परिवार की ओर से मृतक आलोक कटारा का देह दान किया गया। स्वर्गीय कटारा शुरू से ही देहदान के पक्षधर थे। वे कहा करते थे कि सैकड़ो विद्यार्थियों चिकित्सा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगे। आलोक कटारा का जन्म 25 अक्टूबर 1969 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। शुरू से ही आलोक जी इस नश्वर संसार के प्रति आसक्त नहीं थे तथा सेवा के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। पर हित भाव को पुष्ट करने के लिए उन्होंने अपनी देहदान की इच्छा रखी थी। आलोक जी एक डेयरी व्यवसाई थे, परिवार से एक दिन चर्चा के दौरान उन्होंने अपनी यह इच्छा जाहिर की तो परिवार जनों ने स्वीकार की।
आलोक जी जीवन पर्यंत अविवाहित रहे तथा अपने भांजे आशीष के साथ रहते थे। इसी भाव के चलते आलोक जी ने अपनी देह जयपुर सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल को समर्पित करने का फैसला लिया। अस्पताल के एमेरिटस चेयरपर्सन डॉ एम एल स्वर्णकार से बात करके आलोक जी की इच्छा को पूर्ण करवाया गया एवं ससम्मान अस्पताल प्रबंधन ने कार्यवाही पूर्ण की। शरीर रचना विभाग अध्यक्ष डॉ पंकज सिंह ने बताया कि देह दान चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इसे मानवता की सेवा का सर्वोच्च रूप भी है।
देह दान से मेडिकल छात्र एवं शोधकर्ता शरीर की संरचना को गहराई से समझने में सक्षम होते हैं, जिससे चिकित्सा विज्ञान और सर्जरी में नवाचार को बढ़ावा मिलता है। इस अवसर पर डॉ प्रभजोत कौर तथा डॉ अभिलाषा ने एमबीबीएस स्टूडेंट्स को कैडेवरिक शपथ दिलाते हुए देहदानी के लिए शांति पाठ किए। इस अवसर पर परिजनों, चिकित्सकों तथा विद्यार्थियों द्वारा पौधारोपण भी किया गया।