मुख्यमंत्री ने मुहाना मंडी में बायो-सीएनजी प्लांट को दी मंजूरी

सीएम भजनलाल शर्मा
सीएम भजनलाल शर्मा

जैविक कचरे का होगा मौके पर ही निस्तारण, सालाना 48 लाख रूपये की होगी बचत

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुहाना फल एवं सब्जी मंडी में जैविक कचरे के प्रबंधन हेतु एक अत्याधुनिक बायो-सीएनजी संयंत्र स्थापित करने की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है। इस परियोजना से मंडी में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले फल और सब्जी के जैविक अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से उपचार कर उसे कम्पोस्ट और बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जा सकेगा। इस संयंत्र की स्थापना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) मॉडल के तहत की जाएगी। 27 करोड़ रूपये की इस परियोजना की सम्पूर्ण लागत भारत सरकार के उपक्रम वैपकोस लिमिटेड द्वारा वहन की जाएगी।

बायो-सीएनजी प्लांट
बायो-सीएनजी प्लांट

यह संयंत्र प्रतिदिन 100 टन जैविक कचरे को प्रोसेस कर 5 टन कम्पोस्ट एवं बायो-सीएनजी उत्पन्न करेगा। संयंत्र की निर्माण अवधि 7 माह निर्धारित की गई है और यह 10 वर्षों तक वैपकोस लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसके बाद इसकी संपत्ति संबंधित मंडी समिति को हस्तांतरित कर दी जाएगी। इस परियोजना के लिए भूमि एवं जैविक कचरा मंडी समिति द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना से हरित ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ सालाना कचरा संग्रहण व परिवहन में खर्च हो रही लगभग 48 लाख रूपये की राशि की बचत भी अनुमानित है।

बायो-सीएनजी प्लांट
बायो-सीएनजी प्लांट

स्वच्छ भारत मिशन, ठोस कचरा प्रबंधन विनियम-2016 और जल शक्ति मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप की गई इस पहल से न केवल मंडी परिसर की स्वच्छता और हाइजीन में सुधार होगा, बल्कि खुले में कचरा डालने से उत्पन्न दुर्गंध, कीट-पतंगों और पर्यावरण प्रदूषण पर भी अंकुश लगेगा।

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