ब्रेग्जिट ट्रेड डील पर ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन राजी

ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन (EU) के बीच गुरुवार को ऐतिहासिक ट्रेड डील पर सहमति बन गई। इस पर दोनों पक्षों में 10 महीने से सौदेबाजी चल रही थी। ब्रिटेन 31 जनवरी को EU से अलग हो गया था, लेकिन कारोबार से जुड़े मसले उलझे हुए थे। अब इस डील पर दोनों पक्षों की संसद में वोटिंग होगी। इसके लिए ब्रिटेन में बुधवार को सत्र बुलाया गया है। हालांकि, समझौते का मसौदा अभी सामने नहीं आया है।

डील होने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इसमें उन्होंने लिखा कि हमने अपनी किस्मत वापस ले ली है। लोग कहते थे कि यह नामुमकिन है, लेकिन हमने इसे हासिल कर लिया है। वहीं, यूरोपियन कमीशन की प्रेसिडेंट उर्सला वोन डेर लेयन ने कहा कि यह एक लंबी और घुमावदार सड़क थी। आखिरकार हमें एक अच्छी डील मिल गई है। यह दोनों पक्षों के लिए सही है।

ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने का एक साल पूरा होने वाला है। इससे पहले ही यह डील फाइनल हुई। इससे तय हो गया कि अब ब्रिटेन अगले कुछ दिन में यूरोपीय यूनियन के इकोनॉमिक स्ट्रक्चर से अलग हो जाएगा। हालांकि, 27 देशों के ग्रुप EU और ब्रिटेन के बीच भविष्य में कैसे रिश्ते होंगे, इस मसला अब भी अनसुलझा है।

कई महीने तक चले तनाव और बयानबाजी के बीच धीरे-धीरे दोनों पक्षों ने तीन सबसे बड़े मुद्दों पर मतभेद दूर कर लिए। इनमें फेयर कॉम्पिटीशन रूल्स, भविष्य में होने वाले विवादों को सुलझाने का मैकेनिज्म तैयार करना और ब्रिटेन के समुद्र में यूरोपीय यूनियन की नावों को मछली पकड़ने का अधिकार देना शामिल है। मछली पकड़ने का मुद्दा इस डील में सबसे बड़ी रुकावट बना हुआ था।

इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस डील के लिए 15 अक्टूबर तक की डेडलाइन तय की थी। उन्होंने कहा था कि अगर तब तक डील नहीं हुई, तो ब्रिटेन बिना शर्त यूरोपीय यूनियन से पूरी तरह अलग हो जाएगा। जॉनसन ने कहा था कि समझौता तभी हो सकता है जब EU दोबारा इस पर विचार करे। वहीं EU ने ब्रिटेन पर डील को गंभीरता से नहीं लेने आरोप लगाए थे। जॉनसन ने जोर देकर कहा था कि अगर यह डील नहीं हुई तो भी ब्रिटेन फायदे में रहेगा।