एसीबी की रेड के बाद दलालों के शटर डाउन

छापेमारी के अगले दिन आरटीओ दफ्तर में सन्नाटा, सूचना सहायक को सस्पेंड करने की तैयारी; विभाग को भेजी जानकारी

अलवर। अलवर के आरटीओ ऑफिस में सोमवार को एसीबी की रेड पड़ी तो अगले दिन मंगलवार को भी दलाल वापस नहीं लौटे। पहले दिन रेड पड़ते ही दलालों की दुकानों के शटर धड़ाधड़ नीचे गिरे। जो अगले दिन भी नहीं खुले। आरटीओ ऑफिस में भी सन्नाटा छाया रहा। एक दिन पहले सोमवार को एसीबी ने सूचना सहायक तरुणेश कुमार को डुप्लीकेट लाइसेंस के लिए 1500 रुपए की रिश्वते लेते गिरफ्तार किया था।

आसपास खड़े दो दलाल व गार्ड से 3 लाख 17 हजार रुपए मिले थे। वहीं सूचना सहायक के घर से 3 लाख और बैंक खाते में 21 लाख रुपए मिले थे। इस कार्रवाई के अगले दिन भी आरटीओ ऑफिस के बाहर दलालों की दुकानें बंद रही। चारों तरफ सूनापन दिखा। कुछेक दलाल इधर-उधर आपस में ही चर्चा करते रहे। लेकिन अपनी दुकानें बंद रखी।

आरटीओ में रिश्वत वाली खिड़की पर कोई नहीं दिखा। जहां पर डुप्लीकेट लाईसेंस और लाईसेंस रिन्यूअल होते हैं। इसी खिड़की के अंदर कक्ष में एसीबी ने सूचना सहायक को रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था। उसके पास ही दलालों को पकड़ा था। जिनकी जेब से 3 लाख 17 हजार रुपए की रकम मिली थी।

आरटीओ में एसीबी की कार्रवाई रात करीब 10 बजे तक चली थी। इस कारण डीटीओ नवीन यादव को सुबह एसीबी ने साइन करने के लिए बुलाया था। असल में तरुणेश कुमार की शाखा के प्रभारी अधिकारी डीटीओ नवीन यादव हैं। हालांकि इस मामले में एसीबी ने डीटीओ को लेकर कुछ जानकारी नहीं दी है। डीटीओ ने बताया कि उसे केवल साइन करने के लिए बुलाया गया था।

इधर, आरटीओ रानी जैन ने कहा कि हमारे एक कर्मचारी को एसीबी ने गिरफ्तार किया है। जिसकी सूचना मिलने के बाद विभाग को सूचना भिजवा दी है। अब वहां से जो आदेश होंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। डुप्लीकेट लाईसेंस वाली सीट पर किसी अन्य कर्मचारी को जिम्मेदारी दी जाएगी।

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