BRTs- जयपुर में 43 में से 39 पैमानों पर फेल रहा ट्रैफिक ,जाम कम होने की जगह बढ़ गया

BRTs- Traffic in Jaipur failed on 39 out of 43 parameters, jam increased instead of reducing.
BRTs- Traffic in Jaipur failed on 39 out of 43 parameters, jam increased instead of reducing.

जयपुर। जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 170 करोड़ रुपए की लागत से सीकर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर बना बीआरटीएस कॉरिडोर अब हटाया जाएगा। प्रोजेक्ट की खमियों के अलावा भी इसे हटाने की कई बड़ी वजह हैं।

राजधानी जयपुर करोड़ों रुपए खर्च कर बीआरटीएस कॉरिडोर को इसलिए बनाया गया था ताकि बसों का मूवमेंट तेज हो सके और ट्रैफिक जाम में भी कमी आए। लेकिन यह प्राजेक्ट लगभग अपने सभी पैमानों पर फेल ही साबित हुआ। अब जेडीए ने इसे हटाने के लिए सरकार को प्रस्ताव के रूप में अपनी सिफारिश भेज दी है।

जेडीए ने माने कॉरिडोर पर 11 बड़े एक्सिडेंटल प्वाइंटस-

जिस बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की कवायद की जा रही है वह प्रोजेक्ट शुरू से ही खामियों भरा रहा। वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट के 43 पैमानों में से 39 पर यह प्रोजेक्ट फेल हो गया।
जेडीए की 2015 की सेफ्टी ऑडिट में भी यह सामने आया था कॉरिडोर में 11 चौराहे और प्वाइंट्स ऐसे हैं जो सड़क हादसों की वजह बन रहे हैं। इनमें भृगु पथ, स्वर्ण पथ, बीटू-बॉयपास, रजत पथ, मुहाना मंडी, वीटी रोड, विजय पथ, सी जोन बॉयपास, पटेल मार्ग और किसान धर्म कांटा शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि कॉरिडोर पर बने इन चौराहों का आकार बहुत बड़ा है। इसके चलते यहां ट्रैफिक जाम की भी भारी समस्या रहती है।

स्टेडी रिपोर्ट: बिना कॉरिडोर के ट्रेफिक बेहतर

फुल ऑपरेशन कॉरिडोर हो तो….वोल्यूम ऑफ ट्रेफिक का रेश्यो 0.51 %

रिपोर्ट के मुताबिक यदि बीआरटीएस कॉरिडोर फुल ऑपरेशनल रहता है तो ट्रेफिक वोल्यूम 2601 पैसेंजर कार प्रति घंटा का रहता है और कुल क्षमता 5100 पैसेंजर कार प्रति घंटा की रहती है। यानी वोल्यूम ऑफ ट्रेफिक का रेश्यो 0.51 % रहता है।

BRTs पूरी तरह हटाया जाए तो- वॉल्यूम टू कैपेसिटी रेश्यो बेहतर
कॉरिडोर पर जो ट्रेफिक स्टेडी रिपोर्ट तैयार की गई उसमें बिना बीआरटीएस के वॉल्यूम टू कैपेसिटी रेश्यो बेहतर बताया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक यदि बीआरटीएस कॉरिडोर पूरी तरह हटाया जाए तो तो ट्रेफिक वोल्यूम बढ़कर 2874 पैसेंजर कार प्रति घंटा का रहता है और कुल क्षमता भी 5100 से बढ़कर 6800 पैसेंजर कार प्रति घंटा की हो जाती है। इससे वोल्यूम ऑफ ट्रेफिक का रेश्यो कम होकर 0.42 % रहता है जो कॉरिडोर से बेहतर है।

इन वजहों से भी हटाना जरूरी कॉरिडोर

1.हाल में NH ने जयपुर-अजमेर रोड स्थित बीटू बॉय पास पर अंडर पास मंजूर किया है। इसके चलते यहां एक किलोमीटर एरिया में BRTS कॉरिडोर को तोड़ना होगा।
2.झोटवाड़ा ROB के निर्माण के लिए राव शेखा सर्किल से पानीपेंच तक BRTS कॉरिडोर को तोड़ना होगा।
3.NHAI ने सीकर रोड पर भी अंडरपास को मंजूरी दी है इसके निर्माण के लिए भी यहां 1.2 किमी तक BRTS कॉरिडोर को तोड़ना होगा।
4.वहीं राज्य सरकार ने पिछले बजट में विद्याधर नगर तक मेट्रो प्रोजेक्ट को बढ़ाने की मंजूरी दी थी इसके चलते भी यहां BRTS कॉरिडोर को तोड़ना होगा।

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