बीएसएफ विश्व का सबसे बड़ा बॉर्डर गार्डिंग फोर्स : शेखावत

Heritage Corporation Safai Mitras were trained to clean
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-सहायक प्रशिक्षण केन्द्र सीमा सुरक्षा बल के 740 नव-आरक्षकों ने ली देश सेवा की शपथ

जोधपुर। सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, सीमा सुरक्षा बल जोधपुर में नव-आरक्षकों के बैच संख्या 255, 256, 257 व पीटीएस द्वितीय की दीक्षान्त परेड समारोह का आयोजन शनिवार काे किया गया। इसमें कुल 740 नव-आरक्षकों ने भारतीय संविधान के प्रति कर्तव्यनिष्ठ होकर देश की एकता एवं अखंडता को कायम रखने की शपथ ली व खुद को देश के लिए समर्पित किया। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत थे। उन्होंने भव्य परेड का निरीक्षण किया तथा परेड की सलामी ली।

शेखावत ने कहा कि आज आप एक ऐसे बल की मुख्य धारा में शामिल हुए हैं, जिसकी तैनाती कश्मीर की बर्फीली चोटियां, जैसलमेर का तपता हुआ रेगिस्तान, रण ऑफ कच्छ का दलदल भरा क्षेत्र, सुन्दरबन का दुर्गम इलाका और उत्तर पूर्वी के घने जंगलों में है। इन कठिन भौगोलिक और विषम स्थितियों के बावजूद सीमा सुरक्षा बल के बहादूर सीमा प्रहरी पूरी मुस्तैदी के साथ सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। बीएसएफ विश्व का सबसे बड़ा बॉर्डर गार्डिंग फोर्स है जिसे ’भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति’ के नाम से भी जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि बीएसएफ का नाम लेते ही हमें गर्व की अनुभूति होती है। 1965 में अपने गठन के कुछ वर्ष बाद ही बल ने 1971 के युद्व में अपने शौर्य और कर्तव्य परायणता का परिचय दिया। यह बल देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ देश की आंतरिक सुरक्षा में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

आईजी एमएल गर्ग ने कहा कि इन नवआरक्षकों को 44 सप्ताह के कठिन परिश्रम और अनुशासन से भरे प्रशिक्षण के दौरान, पीटी, योगा, ड्रिल, हथियार, टैकटिक्स, मैप रीडिंग, डिजास्टर मैनेजमेंट, साइबर सिक्योरिटी, लॉ, बॉर्डर मैनेजमेंट के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा की ट्रेनिंग देकर एक आम युवा से एक ट्रैन्ड बॉर्डरमैन के रूप में परिवर्तित किया है। व्यक्तित्व विकास, खेल भावना और टीम भावना को विकसित करने के लिए विभिन्न प्रकार के खेल और प्रतियोगिताएं इन नवआरक्षकों के प्रशिक्षण के अहम हिस्सा रहें है।

इन नवआरक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत तो किया ही गया है, साथ ही इन्हें मानव मूल्यों के सम्मान एवं मानव अधिकारों के बारे में पूर्ण रूप से संवेदनशील किया गया हैं। इन्होंने केवल सीमाओं की सुरक्षा के लिए बल्कि किसी भी दायित्व, जो भारत सरकार इन्हें सौंपेगी, को उत्कृष्ट तरीके से निभाने के लिए तैयार किया गया है।

 

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