बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर यूपी के बंटवारे की बात कही, झांसी में बुंदेलखंड राज्य का वादा

मायावती
मायावती

झांसी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को दावा किया कि अगर वे सत्ता में आईं तो अलग बुंदेलखंड राज्य बनाया जाएगा। मंगलवार को झांसी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, अलग बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग हो रही है, अगर हमारी सरकार (केंद्र में) बनी तो हम इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाएंगे। बुंदेलखंड जरूर एक अलग राज्य बनाया जाएगा। बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैला एक पहाड़ी क्षेत्र है।

उत्तर प्रदेश के सात जिले (बांदा, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर, झांसी, जालौन और चित्रकूट) और मध्य प्रदेश के आठ जिले इस क्षेत्र में आते हैं। बसपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री रहते हुए वर्ष 2011 में उप्र को चार भागों में विभक्त करने का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।

हाल में पश्चिमी उप्र की चुनावी जनसभाओं में उन्होंने सत्‍ता में आने पर पश्चिमी उप्र को अलग राज्‍य बनाने का वादा किया। मायावती ने यह भी दावा किया कि वर्तमान भाजपा नीत राजग सरकार के लिए मौजूदा लोकसभा चुनाव में सत्ता में वापसी करना आसान नहीं होगा, बशर्ते यह चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हो और ईवीएम से छेड़छाड़ न की जाए।

मायावती ने कहा कि लंबे समय तक केंद्र और देश के अनेक राज्यों में कांग्रेस की सरकार रही लेकिन उसकी गलत नीतियों के कारण उसे सत्ता से बेदखल होना पड़ा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भाजपा और उसके सहयोगी दल केंद्र और काफी राज्यों में सत्ता पर काबिज हैं लेकिन उनकी भी जातिवादी, पूंजीवादी, संकीर्ण, साम्प्रदायिक तथा द्वेषपूर्ण नीतियों और कथनी तथा करनी में अंतर की वजह से अब ऐसा लगता है।

कि इस बार भाजपा के लिए केंद्र की सत्ता में वापसी आसान नहीं होगी। उन्होंने कहा, इस बार भाजपा की नाटकबाजी और जुमलेबाजी नहीं चलने वाली है क्योंकि अब देश की जनता काफी हद तक इस बात को समझ चुकी है कि भाजपा ने जो वादे किये और हवा-हवाई गारंटी दी थी, उसका एक चौथाई भी काम नहीं किया है।

मायावती ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, अब ऐसा लगता है कि कांग्रेस की तरह ही भाजपा ने भी केंद्र की तमाम सरकारी जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण कर दिया है। इसके अलावा देश का किसान वर्ग भी वर्तमान भाजपा सरकार के शासन में शुरू से ही अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर काफी दुखी और परेशान रहा है।

मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि जहां तक टिकट वितरण का सवाल है, उनकी पार्टी ने समाज के सभी वर्गों के लोगों को उचित भागीदारी दी है। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भाजपा, कांग्रेस और उनके सहयोगियों को केंद्र में सत्ता में आने से रोकने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘ओपिनियन पोल’ और सर्वेक्षणों से गुमराह न हों।