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बिजनेस रणनीतियों में डेटा एनालिटिक्स की भूमिका पर मणिपाल यूनिवर्सिटी में हुआ मंथन
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डेटा और एआई की दुनिया में कदम रखने को तैयार एमयूजे के युवा, कॉन्क्लेव में मिली नई दिशा
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एआई और एनालिटिक्स में करियर की चमकती राह, मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर में हुआ मार्गदर्शन
जयपुर। मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर (MUJ) द्वारा ‘बिजनेस एनालिटिक्स कॉन्क्लेव 1.0’ का भव्य आयोजन किया गया। यह पहला अवसर था जब विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट, कॉमर्स एंड आर्ट्स के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने एक प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी दैनिक के सहयोग से इस तरह का सम्मेलन आयोजित किया। इस आयोजन में देश-विदेश के उद्योग विशेषज्ञ, शिक्षाविद, लिंक्डइन इन्फ्लुएंसर्स और छात्र एक साथ जुटे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और डेटा-ड्रिवन डिज़ाइन के भविष्य को लेकर विचार-विमर्श किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य व्यापार रणनीतियों और निर्णय प्रक्रिया में डेटा एनालिटिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना और विभिन्न क्षेत्रों में इसके प्रभाव पर व्यापक चर्चा करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. ब्रजेश कुमार, डीन, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट, कॉमर्स एंड आर्ट्स ने स्वागत भाषण से की। प्रो-प्रेसिडेंट प्रो. करुणाकर ए. कोटेगर ने विभाग की इस पहल की सराहना की। स्वयं डेटा साइंटिस्ट होने के नाते उन्होंने डेटा के महत्व, उसके विश्लेषण और व्यावसायिक निर्णयों में इसके उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिजनेस एनालिटिक्स और डेटा साइंस बहुत तेज़ी से विकसित हो रहे हैं और विद्यार्थियों को भी उसी रफ्तार से आगे बढ़ना होगा। मुख्य अतिथि डॉ. अमनदीप कपूर (आईपीएस), निदेशक, सीडीटीआई ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यह युग बदलावों और टेक्नोलॉजी में असमानताओं का है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार पुलिस सेवा में रहते हुए उन्हें तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और कैसे नई तकनीकों के माध्यम से इन असमानताओं को दूर किया जा सकता है।

इसके पश्चात पैनल डिस्कशन सत्र आयोजित हुए, जिनमें गौरव महेश्वरी (वाइस प्रेसिडेंट, सोहर इंटरनेशनल बैंक, ओमान), मोनिका दुबे (हेड ब्रांड, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस), सुदीप पेनुगोंडा (सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर, डेटा एंड एआई, थ्रिलॉफिलिया), कार्तिक मुलकलुरी (डायरेक्टर – टैलेंट डेवलपमेंट, ओमेगा हेल्थकेयर), आयुष बदहेरा (एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट, सेलेबल टेक्नोलॉजीज), और चंदन वर्मा (सीनियर डेटा साइंटिस्ट, आईबीएम) ने विचार साझा किए। उन्होंने एआई, डेटा एनालिटिक्स और भविष्य की डेटा-ड्रिवन डिज़ाइन को लेकर अपने अनुभवों व विचारों को रखा। दूसरे चरण में चर्चा का केंद्र बिंदु डेटा प्राइवेसी, सिक्योरिटी और जिम्मेदारी रहा।
राहुल भाटिया (एवीपी, एचएसबीसी) ने डाटा सुरक्षा और अनुपालन के महत्व पर जोर दिया। दीपक कुमार (प्रोडक्ट मैनेजर, नागारो) ने बताया कि तकनीकों को अपनाने से पहले सोच-समझकर निर्णय लेना आवश्यक है। संदीपन कर्मकार (एमएनआईटी जयपुर) ने कहा कि निर्णय लेते समय डेटा का सत्यापन अनिवार्य है। ईशान अत्रेय (आईआईएम रोहतक) ने रेस्पॉन्सिव एआई की जरूरत पर बल देते हुए प्राइवेसी, जवाबदेही और पारदर्शिता को अनिवार्य बताया। कॉन्क्लेव में एमयूजे और अन्य संस्थानों के छात्र, शोधार्थी व फैकल्टी सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए। यह सत्र सभी प्रतिभागियों के लिए अत्यंत जानकारीपूर्ण व प्रेरणादायी रहा। ‘बिजनेस एनालिटिक्स कॉन्क्लेव 1.0’ के आयोजन के साथ मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर ने शिक्षा और उद्योग के बीच संवाद को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाया है।