● यूनिवर्सल बैंक बनने की सैद्धांतिक अनुमति पाने वाला पहला स्मॉल फाइनेंस बैंक बना
● संजय अग्रवाल के तीन दशक से ज़्यादा लंबे उद्यमशील सफर की महत्वपूर्ण उपलब्धि
मुंबई:– भारत के बैंकिंग इतिहास में दर्ज होने वाला एक ऐतिहासिक अवसर सामने आया है। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU SFB) को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से यूनिवर्सल बैंक बनने की सैद्धांतिक अनुमति मिल गई है। इस नोटिफिकेशन के साथ, एयू यूनिवर्सल बैंक बनने की अनुमति पाने वाला भारत का पहला स्मॉल फाइनेंस बैंक बन गया है, बैंक ने अपने उद्देश्य, प्रतिबद्धता और अनुशासन से इस उपलब्धि को आकार दिया है।
यह नियामकीय अनुमति एयू के मजबूत बिज़नेस मॉडल, सुदृढ़ प्रशासन, और वित्तीय समावेशन के प्रति इसके दीर्घकालिक समर्पण की दृढ़ता से पुष्टि करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, यह उपलब्धि एयू की संपूर्ण बैंक के रूप में विकास यात्रा की पुष्टि करती है, एक ऐसा बैंक जो आज के ग्राहकों की उम्मीदों के अनुरूप रिटेल, व्यापारिक और डिजिटल समाधानों सहित संपूर्ण बैंकिंग प्रोडक्ट और सेवाएं पेश करता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के नोटिफिकेशन के अनुसार, एयू अब अपने परिवर्तन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ज़रूरी नियामकीय और संचालन संबंधी शर्तों को पूरा करने की दिशा में काम करना शुरू करेगा। इस परिवर्तन के लिए आवेदन 3 सितंबर 2024 को जमा किया गया था, स्वैच्छिक रूप से स्मॉल फाइनेंस बैंक को यूनिवर्सल बैंक में परिवर्तित करने के आरबीआई की ‘ऑन टैप’ लाइसेंसिंग दिशानिर्देश (अगस्त 2016) और अप्रैल 2024 फ्रेमवर्क के तहत।
एयू के असाधारण सफर के केंद्र में एयू के संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल हैं, जिनकी कहानी भारत की उद्यमशीलता की भावना की मिसाल है। 1996 में, महज 26 साल की उम्र में, जयपुर के एक गोल्ड मेडलिस्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट, पहले पीढ़ी के उद्यमी और क्रिकेट प्रेमी अग्रवाल ने पारंपरिक कॉर्पोरेट करियर को ठुकराकर एक फाइनेंस कंपनी शुरू की। उनका एकमात्र विश्वास था कि भारत के सुविधाओं से वंचित और बिना बैंकिंग सुविधा वाले नागरिक भी सम्मानजनक वित्तीय सेवाओं के हकदार हैं। उनके पास कोई संस्थागत पूंजी नहीं थी और न ही विरासत में कोई पहचान मिली थी, फिर भी अग्रवाल ने एक लेंडिंग कंपनी की स्थापना की, जिसका उद्देश्य राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छोटे उद्यमियों को वाहन फाइनेंसिंग की सुविधा मुहैया कराना था।
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