अर्थशास्त्रियों ने अगस्त में तेजी के बावजूद घटाया भारत में मुद्रास्फीति का अनुमान

नई दिल्ली। अगस्त में खुदरा महंगाई में हल्की तेजी दर्ज किए जाने के बावजूद अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की मुद्रास्फीति का अनुमान घटा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि खाद्य कीमतों में मौसमी उछाल अस्थायी है और आने वाले महीनों में सप्लाई सामान्य होने के साथ दबाव कम होगा।

रिपोर्ट्स के अनुसार, औसत खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान अब 4.5-5% के दायरे में कर दिया गया है, जो पहले 5-5.2% आंका जा रहा था। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिज़र्व बैंक के लिए यह अनुमान राहत भरा है और मौद्रिक नीति में आक्रामक रुख अपनाने की संभावना और कम हो गई है।

वहीं, विशेषज्ञों ने हाल ही में लागू GST 2.0 सुधारों की भी सराहना की है। उनका कहना है कि नई व्यवस्था से कर ढांचे में पारदर्शिता बढ़ेगी, अनुपालन आसान होगा और उपभोक्ताओं पर कर का बोझ घटेगा। खासकर छोटे व्यापारियों और MSME सेक्टर को नए सुधारों से लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

अर्थशास्त्रियों के अनुसार, मुद्रास्फीति के स्थिर होने और कर सुधारों से भारत की आर्थिक वृद्धि को गति मिलने की संभावना है।