अमेरिका में एच-1बी वीजा को लेकर बड़ा बदलाव आज यानी 21 सितंबर से लागू हो गया है। ट्रंप प्रशासन ने नए आवेदकों पर एकमुश्त $1 लाख (लगभग ₹88 लाख) शुल्क लगाने का फैसला किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले पर कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए।
इस फैसले के बाद अमेरिका में काम कर रहे भारतीय पेशेवरों में हड़कंप मच गया है। बता दें, हर साल अमेरिका करीब 85,000 नए एच-1बी वीजा जारी करता है, जिनमें से सबसे बड़ा हिस्सा भारतीयों को जाता है। 2023 में 1.91 लाख भारतीयों को H-1B वीजा मिला था, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 2.07 लाख पहुंच गया।
वहीं अमेरिकी दिग्गज कंपनियों ने 20 सितंबर से पहले अपने कर्मचारियों को हर हाल में अमेरिका लौटने की सलाह दी थी, जिससे असमंजस की स्थिति और गहरा गई। इन कंपनियों को डर था कि अगर कर्मचारी बाहर रह गए, तो उन्हें दोबारा एंट्री मिलने में मुश्किल हो सकती है।
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व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने शनिवार को प्रेस को बताया कि $1 लाख का नया शुल्क केवल नए आवेदकों पर लागू होगा। यह एक बार लिया जाएगा और यह न तो वार्षिक है और न ही वीजा रिन्यू पर लागू होगा।
वर्तमान H-1B वीजा धारकों के लिए राहत की बात ये है कि यदि वे अमेरिका से बाहर हैं तो दोबारा प्रवेश पर यह शुल्क नहीं लगेगा। यानी मौजूदा वीजा धारक नए नियमों के प्रभाव से बाहर रहेंगे।
वहीं भारत में अमेरिकी दूतावास ने भी अपने नागरिकों के लिए एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर (+1-202-550-9931) जारी किया है। इस नंबर का उपयोग केवल आपात स्थितियों में किया जाना चाहिए, नियमित जानकारी के लिए नहीं।
गौरतलब है कि पहले एच-1बी वीजा के लिए औसतन ₹5 लाख खर्च होते थे। यह वीजा 3 साल के लिए वैध होता था और फिर 3 साल तक रिन्यू किया जा सकता था। यानी कुल मिलाकर 6 साल में एक भारतीय प्रोफेशनल को अब 5.28 करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं।