💱 डॉलर-रुपया से आगे, अब अन्य विदेशी मुद्राओं में भी कारोबार की सुविधा विकसित करने की जरूरत
📈 रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण को लेकर RBI का स्पष्ट एजेंडा सामने आया
🛡️ नवाचार, सुरक्षा और खुदरा निवेशकों के लिए बेहतर अनुभव पर ज़ोर
“Go Beyond Dollar”: नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत को अमेरिकी डॉलर और रुपये के पार जाकर, अन्य विदेशी मुद्राओं में भी लेन-देन की संरचना तैयार करनी चाहिए। उन्होंने यह बात CCIL (क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कही।
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि रुपये को वैश्विक मंच पर मजबूत करने के लिए यह कदम अहम होगा। उन्होंने कहा, “CCIL को चाहिए कि वह अमेरिकी डॉलर-रुपया से परे, अन्य मुद्राओं में भी व्यापार और निपटान की सुविधाएं विकसित करने की संभावनाएं तलाशे। इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारतीय रुपये की भूमिका और विश्वसनीयता बढ़ेगी।”
उन्होंने बताया कि भारत पहले ही कई देशों के साथ स्थानीय मुद्रा में द्विपक्षीय व्यापार समझौते कर चुका है और आने वाले समय में रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण एक ठोस नीति दिशा बना रहेगा।
मल्होत्रा ने CCIL से आग्रह किया कि वह ‘फॉरेक्स रिटेल’ और ‘RBI रिटेल डायरेक्ट’ जैसे उत्पादों को बेहतर बनाए, ताकि खुदरा निवेशकों को मजबूत और सहज अनुभव मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रतिभूतियों के व्यापार मंच पर पहले ही 3 लाख से ज्यादा खुदरा निवेशक जुड़ चुके हैं, जो यह दिखाता है कि सामान्य निवेशकों में इस क्षेत्र को लेकर कितना विश्वास है।
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इसके अलावा, उन्होंने CCIL को नई तकनीकों और नवाचार को अपनाने की सलाह दी, ताकि दक्षता, प्रदर्शन, मापनीयता और सुरक्षा बढ़ाई जा सके। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि कम लागत और बेहतर सेवाएं ही आज की जरूरत हैं।
2001 में गठित CCIL को लेकर मल्होत्रा ने कहा कि यह संस्था RBI के लिए एक भरोसेमंद सहयोगी रही है और अब समय आ गया है कि यह नई दिशा में और सशक्त भूमिका निभाए।