कापी सॉल्यूशंस और कॉफी सूत्रा ने जयपुर में आयोजित किया ‘ब्रूज़ एंड बियॉन्ड’

'ब्रूज़ एंड बियॉन्ड'
'ब्रूज़ एंड बियॉन्ड'

एक प्रेरक शाम, जहाँ क्राफ्ट्समैनशिप और कम्युनिटी कॉफी के साथ हुई रूबरू

जयपुर: कॉफी के ज़ायकों और ज़िंदादिली से जयपुर उस समय सराबोर रहा, जब देश की अग्रणी कॉफी इक्विपमेंट और इनोवेशन कंपनी, कापी सॉल्यूशंस ने शहर के चहेते कैफे कॉफी सूत्रा के साथ मिलकर एक विशेष आयोजन- ‘ब्रूज़ एंड बियॉन्ड’ किया। इस एक्सपेरेंशल इवेंट में भारत के कॉफी और हॉस्पिटैलिटी से जुड़े कुछ जाने-माने चेहरे एक साथ नज़र आए। कॉफी सूत्रा के खूबसूरत कैफे में हुए इस दो घंटे के सेशन में एक तरफ जहाँ कम्युनिटी का जुड़ाव देखने को मिला, वहीं इंडस्ट्री के नए आइडिया और इनोवेशन भी सामने आए। शहरभर से बारिस्ता, कैफे ऑनर, एफ एंड बी प्रोफेशनल्स, मीडिया और कॉफी के शौकीन लोग इसमें शामिल हुए।

शाम की शुरुआत एक दिलचस्प पैनल चर्चा से हुई, जिसका विषय था, ‘क्राफ्ट, कम्युनिटी और भारत में कॉफी का भविष्य’। इस चर्चा का संचालन कापी सॉल्यूशंस के सीईओ विक्रम खुराना ने किया, जो कॉफी के जाने-माने जानकार हैं और भारत में स्पेशलिटी कॉफी को बढ़ावा देने में अहम् भूमिका निभा चुके हैं। एक प्रशिक्षित बारिस्ता और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कॉफी जज होने के नाते, विक्रम ने सोर्सिंग इथिक्स, ब्रूइंग टेक्निक्स, कैफे कल्चर और भारतीय स्वाद में हो रहे बदलाव जैसे कई दिलचस्प मुद्दों पर बातचीत को दिशा दी।

'ब्रूज़ एंड बियॉन्ड'
‘ब्रूज़ एंड बियॉन्ड’

पैनल में कॉफी की दुनिया से जुड़ी अलग-अलग सोच और अनुभवों को लेकर कुछ खास वक्ता शामिल हुए। इंटरनेशनल कॉफी क्यूरेटर और एजुकेटर मार्सेला बाउर ने बातचीत में वैश्विक नजरिया जोड़ा और कॉफी एजुकेशन व एथिकल ट्रेड की अहमियत पर ज़ोर दिया। वहीं, कॉफी सूत्रा के फाउंडर और चर्चित एफ एंड बी आंत्रप्रेन्योर दुश्यंत सिंह ने जयपुर में एक शांत, सोच-समझकर तैयार की गई स्लो-ब्रूइंग कैफे स्पेस बनाने की अपनी यात्रा साझा की। फेयरमोंट होटल्स एंड रिसॉर्ट्स में फूड एंड बेवरेज डायरेक्टर शाहनाज़ अंजुम ने बताया कि कैसे लग्ज़री हॉस्पिटैलिटी अब स्पेशलिटी कॉफी को अपने मेहमानों के अनुभव का हिस्सा बना रही है। वहीं, जयपुर कॉफी कम्युनिटी के को-फाउंडर क्षितिज सिसोदिया ने ज़मीनी स्तर पर चल रही पहलों की बात की, जो न सिर्फ लोकल टैलेंट को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि कॉफी के क्षेत्र में शहर की अपनी एक अलग पहचान भी बना रही हैं।

चर्चा के अलावा यह इवेंट अनुभवात्मक रूप से भी बेहद खास रहा। मेहमानों को अलग-अलग लाइव ब्रूइंग स्टेशंस पर आमंत्रित किया गया, जहाँ पोर-ओवर, फ्रेंच प्रेस और एयरोप्रेस जैसी मैनुअल तकनीकों को दिखाया गया। कापी सॉल्यूशंस के बारिस्ताओं ने हर तकनीक की बारीकियों को समझाया और मेहमानों को खुद प्रयोग करने और स्वाद चखने के लिए प्रेरित किया। इवेंट का एक और आकर्षक पहलू था ‘टेक कैप्सूल शोकेस’, जहाँ भारत के प्रमुख कैफे और होटलों में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक कॉफी मशीनें और उपकरण प्रदर्शित किए गए। इस प्रदर्शनी के जरिए मेहमानों को कॉफी बनाने की उन्नत तकनीकों को करीब से देखने और समझने का मौका मिला।

'ब्रूज़ एंड बियॉन्ड'
‘ब्रूज़ एंड बियॉन्ड’

शाम का सबसे यादगार हिस्सा रहा ‘सेंसरी कॉफी टॉक’, जिसे कॉफी सूत्रा के अनुभवी विशेषज्ञों ने प्रस्तुत किया। इस सत्र में प्रतिभागियों को उनके सिग्नेचर ब्लेंड्स की एक दिलचस्प यात्रा पर ले जाया गया, जहाँ उन्होंने कॉफी की उत्पत्ति की कहानियों, रोस्ट प्रोफाइल्स और परोसने के सही तरीकों पर विस्तार से चर्चा की। कॉफी के ज़ायकों के साथ जिस खूबसूरती से मेल खा रहे थे, वे थे सलीके से चुने गए डिज़र्ट्स और हल्के-फुल्के स्नैक्स, जिन्हें खासतौर पर स्वाद अनुभव को और निखारने के लिए तैयार किया गया था। पूरे आयोजन में एक जीवंत, लेकिन सहज माहौल बना रहा। धीमे संगीत की धुनों के बीच लोगों के बीच सार्थक संवाद और नए परिचय विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। कुछ खुशकिस्मत मेहमानों को खास तोहफे भी मिले, जिनमें ब्रूइंग किट्स और ब्रांड के गिफ्ट शामिल थे।

पैनल चर्चा के दौरान कॉफी सूत्रा के फाउंडर दुश्यंत सिंह ने कहा, “ब्रूज़ एंड बियॉन्ड सिर्फ एक इवेंट नहीं था, बल्कि यह जयपुर की बदलती कॉफी संस्कृति और छोटे शहरों में स्पेशलिटी कॉफी को लेकर बढ़ती दिलचस्पी का एक खूबसूरत जश्न था। इस खास अवसर ने दिखाया कि जयपुर जैसे शहर अब कॉफी इनोवेशन और उसकी समझ के नए केंद्र बनते जा रहे हैं। इस इवेंट में अनोखे और एक्सपेरिमेंटल ब्रूइंग तरीकों की झलक से लेकर भारत में स्पेशलिटी कॉफी के भविष्य पर गहराई से बातचीत हुई। यह पूरा आयोजन जुनून, ज्ञान और सामूहिक भावना का मेल था। जयपुर से जुड़े कॉफी रोस्टर्स के रूप में हम खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि इस सफर का हिस्सा बनकर हम स्पेशलिटी कॉफी को लेकर जागरूकता, समझ और सराहना बढ़ाने में योगदान दे पा रहे हैं।

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