कोलकाता। पूर्वी भारत के सबसे बड़े हेल्थकेयर नेटवर्क में से एक, मनिपाल अस्पताल, ढाकुरिया ने एक बार फिर चिकित्सा क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया। 72 वर्षीय मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित रवींद्र कुमार सरकार के शरीर में सफलतापूर्वक टईवीएआर (थोरासिक एंडोवैस्कुलर एन्यूरिज्म रिपेयर) किया गया। इस जटिल सर्जरी को अस्पताल के कार्डियोथोरासिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. कौशिक मुखर्जी और सलाहकार वैस्कुलर सर्जन डॉ. शुभब्रत बनर्जी ने मिलकर अंजाम दिया।
सीटी एऑर्टोग्राफी में यह सामने आया कि मरीज की छाती की मुख्य धमनी (एऑर्टा) में एक सूजन या फुलाव (एन्यूरिज्म) है, जो मस्तिष्क और बाहों में रक्त पहुंचाने वाली अहम धमनी के बिल्कुल पास स्थित है। यह एन्यूरिज्म इस तरह दबाव डाल रहा था कि मरीज की स्वर-तंत्रिका प्रभावित हुई, जिससे उनकी आवाज बैठ गई। यह दुर्लभ स्थिति ऑर्टनर सिंड्रोम कहलाती है, जो भारत में केवल 1% से 3% मामलों में देखी जाती है।
ऐसी स्थिति में टईवीएआर ही सबसे सुरक्षित उपाय था, क्योंकि मरीज की उम्र और अन्य बीमारियों को देखते हुए ओपन हार्ट सर्जरी बहुत जोखिम भरी होती। यह एन्यूरिज्म डिसेंडिंग थोरासिक एऑर्टा में, बाईं सबक्लेवियन आर्टरी के ठीक बाद था – जो शरीर का अत्यंत संवेदनशील हिस्सा माना जाता है। इसके बावजूद सर्जनों ने अत्यंत कुशलता से स्टेंट ग्राफ्ट लगाकर एन्यूरिज्म को सील कर दिया। यह सर्जरी 26 मई 2025 को की गई और मरीज केवल 2 दिन में अस्पताल से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गए।
डॉ. कौशिक मुखर्जी ने कहा, “आवाज़ बैठने जैसी एक मामूली शिकायत से शुरुआत हुई, लेकिन मामला एक जटिल एन्यूरिज्म तक पहुंचा। मरीज के लिए ओपन सर्जरी असंभव थी, इसलिए हमने टईवीएआर को चुना। यह तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण सर्जरी थी, लेकिन हमने बिना किसी प्रमुख धमनी को क्षति पहुँचाए एन्यूरिज्म को बंद कर दिया।”