- जीएसटी सुधारों के बाद भी आम लोगों को पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई राहत नहीं मिली। वजह यह है कि इन पर अभी भी एक्साइज ड्यूटी और वैट लागू हैं। शराब भी इसी दायरे से बाहर है। यानी जब तक सरकारें वैट कम नहीं करतीं, तब तक इनके दाम में कोई खास बदलाव संभव नहीं है।
- पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी नहीं, एक्साइज और वैट से तय होते दाम
- शराब की कीमतें राज्यों की वैट नीति पर निर्भर
- LPG सिलेंडर पर GST वही, कीमत में बदलाव नहीं
Petrol Diesel: पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर आम जनता हमेशा उम्मीद करती है कि टैक्स सुधारों से उन्हें राहत मिलेगी, लेकिन हकीकत कुछ और है। जीएसटी लागू होने के बावजूद इन ईंधनों पर इसका असर नहीं पड़ा, क्योंकि यह अभी भी केंद्र की एक्साइज ड्यूटी और राज्यों की वैट नीति के दायरे में आते हैं। सरकार की आय का बड़ा हिस्सा इन्हीं से आता है, इसीलिए इन्हें जीएसटी के अंदर लाना फिलहाल संभव नहीं हो पाया है।
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शराब की कीमतों पर भी हालात बिल्कुल ऐसे ही हैं। राज्यों के राजस्व का बड़ा स्रोत होने की वजह से मादक पेयों को जीएसटी से बाहर रखा गया है। राज्यों द्वारा लगाए गए वैट और उत्पाद शुल्क ही इनकी कीमतें तय करते हैं। अगर कोई राज्य अपने स्तर पर वैट कम करता है, तभी कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है।
इसी तरह रसोई में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत भी नए जीएसटी सुधारों के बाद नहीं बदली। घरेलू एलपीजी पर पहले से ही 5% जीएसटी और कमर्शियल सिलेंडर पर 18% टैक्स लगता है। सुधारों के बाद भी इन पर कोई छूट नहीं दी गई, जिससे सिलेंडर की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है।