ऑटोमोबाइल कंपनी और डीलरों के लिए चुनौती साबित होगा लाखों बीएस 4 वाहन खपाना

बीएस 4 वाहन, Two wheeler
बीएस 4 वाहन, Two wheeler

बाजार में गाड़ियों का बिकना इतना आसान नहीं होगा

बीएस 4 वाहनों को खपाने की चिंता सता रही है। बीए 6 ईंधन और बीएस 6 उत्सर्जन मानक वाले इंजन को लागू करने की एक मुख्य वजह प्रदूषण के स्तर को नीचे लाना है।

देश में बीएस 6 ईंधन और बीएस 6 एमिशन स्टैंडर्ड यानि उत्सर्जन मानक वाले वाहन बिक्री लागू होने के बाद अब ऑटो सेक्टर कपंनियों की चिंता बढऩा लाजिमी है। बीए 6 ईंधन और बीएस 6 उत्सर्जन मानक वाले इंजन को लागू करने की एक मुख्य वजह वाहनों से होने वाले प्रदूषण के स्तर को नीचे लाना है।

बीएस 4 वाहनों को खपाने की चिंता कंपनियों को सता रही है।

अब कंपनियों को बीएस 4 वाहनों को खपाने की चिंता सता रही है। अब उन्होंने इन वाहनों को खपाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। ऑटोमोबाइल सेक्टर काफी समय से मंदी से जूझ रहा है।

ऐसे में बीएस यानि भारत स्टेज स्टेंडर्ड वाहनों की बिक्री पर रोक के बाद तो ऑटो सेक्टर कपंनियों की चिंता बढऩा जाहिर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों ने सेकंड हैंड कारों की तर्ज यह वाहन बेचने का रास्ता अख्तियार किया है।

कंपनियां सैंकड हैंड के रूप में रजिस्टर्ड कर और बहुत ही कम ऑफर में यह वाहन खरीदने का अपने ग्राहकों को ऑफर दे रही है। डीलरशिप कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि टू व्हीलर के मामले में ऐसा किया जा रहा है क्योंकि इस केटेगरी में बीएस4 वाहनों का स्टॉक कारों और वाणिज्यिक वाहनों की तुलना में बहुत ज्यादा है।

देश की शीर्ष अदालत ने बीएस4 वाहनों की बिक्री के लिए 1 अप्रैल की समय सीमा तय की थी। लेकिन लॉकडाउन के मद्देनजर सर्वोच्च अदालत ने राहत देेते हुए देशव्यापी लॉकडाउन खत्म होने के बाद डीलरों को अपने बीएस4 स्टॉक का 10 फीसदी बेचने की अनुमति दी।

हालांकि, डीलरों के लिए बीएस 4 वाहनों को किसी भी कैटेगरी में बेचना इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि, डीलर बड़ी संख्या कबाड़ होने से बेहतर इन वाहनों को बेचने के लिए आकर्षक ऑफर देकर हर संभव प्रयास कर रहीं थींं।

बीएस4 वाहनों की बिक्री के लिए 1 अप्रैल की समय सीमा तय की थी।

लेकिन लॉकडाउन के चलते ऑटो मोबाइल डीलर शिप कंपनियों की मेहनत पर फिलहाल पानी फिरता दिखाई दे रहा है। लगभीग मार्च से देश ही में लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही सभी शोरुम बंद हैं।

बीएस4 स्टॉक का 10 फीसदी बेचने की अनुमति दी।

लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी कंपनियों के लिए यह इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि पहले से मंदी से जूझ ऑटो सेक्टर अब लॉकडाउन के बाद ग्राहकों की कमी से जूझ सकता है क्योंकि आम लोगों की जेब में कैश पेसा ना होना इसका बड़ा कारण साबित हो सकता है। यह बड़ी वजह साबित होगी वाहनों की बिक्री ना होने की।