
फेफड़े शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई करते हैं और कार्बन डाइऑक्सीइड के साथ अन्य नुकसानदायक गैसों को बाहर निकलाने का काम करते हैं। फेफड़े सांस लेने में मदद करते हैं। इसमें किसी भी तरह की खराबी कई खतरनाक समस्याओं की वजह बन सकती है। वैसे फेफड़ों को लंबे समय तक हेल्दी बनाए रखना इतना मुश्किल भी नहीं है। खानपान पर ध्यान देकर और रोजाना कुछ देर एक्सरसाइज सबसे असरदार उपाय है। कुछ खास योगासनों की मदद से भी फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर होती है। जान लें इसके बारे में। हेल्दी फेफड़े
ताड़ासन

ताड़ासन सीधे खड़े होकर किया जाने वाला आसन है। इसे करने से शरीर का पोस्चर सही होता है, थकान दूर होती है, एनर्जी बढ़ती है, मसल्स रिलैक्स होता है और शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन भी बढ़ता है। गहरी सांस भरते हुए किए जाने वाले इस आसन से फेफड़ों की कार्यक्षमता भी बढ़ती है।
भुजंगासन

इस आसन में लंबी-गहरी सांस भरते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर स्ट्रेच करते हैं। जिससे मांसपेशियों की अकडऩ दूर होती है, सांस लेने से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं। इसके अलावा इस आसन को करने से पेट और चिन की चर्बी कम होती है।
अधोमुख श्वानासन
अधोमुख श्वानासन भी फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए बहुत ही बेहतरीन आसन है। इससे लंग्स की कैपेसिटी बढ़ती है। साथ ही साथ इससे पाचन तंत्र में भी सुधार होता है। नींद की प्रॉब्लम दूर होती है, थकान से छुटकारा मिलता है। शरीर के ऊपरी हिस्से में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है।
मत्स्यासन
इस आसन को करने में भी छाती को फैलाना होता है, जिससे लंग्स बेहतर तरीके से काम कर पाता है। यह मुद्रा श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाती है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
यह आसन श्वसन अंगों के साथ पेट के अंगों की भी मालिश करता है। इस आसन को करने से फेफड़े डिटॉक्स होते हैं, शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह सही तरीके से होता है जिससे फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है। साथ ही साथ रीढ़ की हड्डी भी लचीली होती है। तो अगली बार जब आप मैट पर जाएं, तो याद रखें कि योग के थोड़े देर के अभ्यास से आप कई तरह के फायदे पा सकते हैं। फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज पर खासतौर से फोकस करें।
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