जागरूकता सत्र में कैंसर के इलाज की तरक्की के बारे में जानकारी

जयपुर। मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैंसर केयर, साकेत ने सामूहिक रूप से रोग प्रबंधन, आधुनिक उपचार पद्धतियों के महत्व और शुरुआती डायग्नोसिस के फायदों के बारे जानकारी देने के लिए आज एक जन जागरूकता अभियान का आयोजन किया।

टेक्नोलॉजी में आई तरक्की, न्यूनतम कट के जरिये कैंसर की सर्जरी अब आम बात हो गई है। विशेषज्ञ अब कोलोन कैंसर, पेट के कैंसर, लीवर मेटाटीज समेत विभिन्न प्रकार के ट्यूमरों को सटीक तरीके से अलग करने में सक्षम हो गए हैं और आधुनिक तकनीक के कारण कई मामलों में बहुत कम कट या लेपरोस्कोपिक तरीके से भी काम चल जाता है।

मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैंसर केयर मैक्स हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली के चेयरमैन डॉ. हरित चतुर्वेदी ने कहा, ‘न्यूनतम शल्यक्रिया वाली सर्जरी से मरीजों को परंपरागत सर्जरी की तुलना में कई फायदे मिलती हैं जिनमें कम से कम कट लगना, शीघ्र रिकवरी, कम दर्द, अस्पताल में कम समय रुकना और सर्जरी के बाद बहुत कम परेशानियां जैसे फायदे शामिल हैं।

दा विन्सी रोबोटिक सहायता सर्जरी जैसी अत्याधुनिक सर्जिकल टेक्नोलॉजी की बदौलत हम ये प्रक्रियाएं बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी तरीके से पूरा कर पाते हैं जिसमें आॅपरेशन के बाद बहुत कम देखभाल की जरूरत पड़ती है और रिकवरी भी जल्दी होती है। दरअसल, महामारी के बाद रोबोटिक सर्जरी की अहमियत बढ़ गई है क्योंकि इसके बाद अस्पताल में कम समय ही रुकना पड़ता है और सर्जरी के बाद की परेशानियां भी कम होती हैं।’

कैंसर और अंतिम चरण के कई तरह के कैंसर के लिए भी उपचार पद्धतियों में आई हाल की तरक्की के कारण शानदार परिणाम आने लगे हैं और पिछले कुछ समय के दौरान मरीजों की जीवन दर में भी सुधार आया है।

जीआई सर्जरी में एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. असित अरोड़ा ने कहा, ‘कुछ कैंसर अस्पष्ट लक्षणों के कारण तीसरे या चौथे स्टेज में ही पता चल पाते हैं। लेकिन एचआईपीईसी तथा पीआईपीएसी जैसे नए चिकित्सा विकल्प गंभीर स्थिति में पहुंच चुके ऐसे पेरिटोनियल सरफेस कैंसर के लिए भी उम्मीद बने हैं और इनसे रोग पर बेहतर नियंत्रण/प्रबंधन भी मिलता है। अब तक पेरिटोनियल सरफेस के कैंसर को लाइलाज या बहुत मामलूी चिकित्सा परिणाम वाला रोग माना जाता था।’

मैक्स हॉस्पिटल, साकेत में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. भुवन चुघ ने कहा, ‘ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के कई सारे प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं हम यह भी देख रहे हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर मरीज हमारे पास एडवांस्ड स्टेज में ही पहुंचते हैं। इस वजह से उनका इलाज चुनौतीपूर्ण होता है या फिर इलाज में लंबा वक्त लग जाता है। ऐसे समय में मरीज का आत्मबल बनाए रखने के लिए परिवार की ओर से सहानुभूति की अहम भूमिका होती है। अब हर तरह के कैंसर का इलाज अलग—अलग तरीके से किया जाता है और यह इलाज कम नुकसानदेह तथा अधिक सहनयोग्य होने लगा है।’