
शरीर में मौजूद सभी अंग हमारे के लिए काफी अहम होते हैं। इन सभी अंगों का अपना अलग कार्य होता है, जो हमें हेल्दी रहने में मदद करते हैं। पेंक्रियाज इन्हीं अंगों में से एक है, जो भोजन पचाने में मदद करने वाले एंजाइम और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने वाले हार्मोन इंसुलिन और ग्लूकेगॉन बनाने में मदद करता है। ऐसे में जरूरी है कि सेहतमंद रहने के लिए पेंक्रियाज का खास ख्याल रखा जाए।
हालांकि, तेजी से बदलती जीवनशैली लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही है। पेंक्रियाटाइसिस इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो जिसे आमतौर पर अग्न्याशय यानी पेंक्रियाज की सूजन के रूप में जाना जाता है। ऐसे में जरूरी है कि समस्या के बारे में सही जानकारी हासिल की जाए, ताकि इसे होने से रोका जा सके या फिर सही समय पर इसकी पहचान कर उचित उपाय अपनाए जा सके। आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ जरूरी बातें-
पेंक्रियाज क्या है?

पेंक्रियाज एक महत्वपूर्ण पाचन अंग है, जो ज्यादातर आम लोगों के बीच सबसे कम जागरूकता वाला अंग है। पेंक्रियाज की कोई भी सूजन एक सामान्य स्थिति है। यह एक हल्का रूप हो सकता है, जिसके लिए केवल कुछ दवाओं और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता होती है। हालांकि, इसका एक गंभीर रूप भी है, जो घातक हो सकता है और कभी-कभी जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है।
क्या है पेंक्रियाटाइसिस
पेंक्रियाटाइसिस आपके पेंक्रियाज में अचानक होने वाली सूजन है, जो तब होती है जब डाइजेस्टिव जूस या एंजाइम पेंक्रियाज पर हमला करते हैं। बहुत ज्यादा शराब, गॉल ब्लेडर की पथरी, कोलेस्ट्रॉल, सिगरेट पीने से इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। वहीं, बात करें इसके लक्षणों की, तो इसके कुछ प्रमुख लक्षण निम्न हैं-

गंभीर पेट दर्द
मतली
उल्टी
निम्न रक्तचाप
पेट में तरल पदार्थ
पेंक्रियाटाइसिस के कारण-
दवाएं
धूम्रपान
ज्यादा शराब
गॉल ब्लेडर की पथरी
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल
पेंक्रियाटिक कैंसर
पेट की चोट
पैराथाइरॉइड हार्मोन का हाई लेवल
कैल्शियम का हाई लेवल
सिस्टिक फाइब्रोसिस
इस तरीकों से रखें अपने पेंक्रियाज का ध्यान
गॉल ब्लेडर की पथरी निकलवाए
पित्ताशय यानी गॉल ब्लेडर में पथरी (कोलेलिथियसिस) पेंक्रियाटाइसिस का सबसे आम कारण है। पित्ताशय की पथरी कभी-कभी बाइल डक्ट में फिसल जाती है और पेंक्रियाज डक्ट को ब्लॉक कर देती है, जिससे पेंक्रियाटाइसिस हो जाता है। ऐसे में अगर आप गॉल ब्लेडर में स्टोन के बारे में पता चले, तो तुरंत सर्जरी करके उन्हें निकलवा लें।
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करे
ब्लड में कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स में बढ़ोतरी पेंक्रियाटाइसिस के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढऩे के कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में अपने पेंक्रियाज का खास ख्याल रखने के लिए तुरंत शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हाइपर कोलेस्ट्रॉलमिया से बचें, पेंक्रियाटाइसिस से बचने में मदद करेगा।
शराब-धूम्रपान से परहेज
शराब और धूम्रपान हमारे शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं। खासतौर पर यह लिवर और पेंक्रियाज पर सबसे ज्यादा बुरा असर डालती है। यही वजह है कि शराब और धूम्रपान भी पेंक्रियाटाइसिस की एक बड़ी वजह साबित होती है। ऐसे में इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए जितना हो सके शराब और स्मोकिंग से परहेज करें।
स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं
सेहतमंद रहने और अपने पेंक्रियाज का खास ख्याल रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है। ऐसे आप हेल्दी डाइट, नियमित वर्कआउट और अच्छी आदतें अपनाकर पेंक्रियाटाइसिस से बच सकते हैं।
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