सावधान : पटाखा चलाते वक्त आंखों का रखें विशेष खयाल, वरना भारी पड़ सकती है लापरवाही

पटाखों से आंखों की सुरक्षा
पटाखों से आंखों की सुरक्षा

आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकता है पटाखों का धुंआ, बचाव के लिए करें ये उपाय

कहते हैं आंखें तो जहान है, वरना सब खाक है। ऐसे में आंखों का सबसे ज्यादा खयाल रखा जाना चाहिए। बढ़ते प्रदूषण से तो हमें आंखों का बचाना ही चाहिए। जब दीपावली का त्यौहार हो तो इनकी सेफ्टी अधिक बढ़ जाती है। क्योंकि दीपावली पर आतिशबाजी से निकलने वाला धुंआ आंखों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। ऐसे में बरती गई लापरवाही आपके जीवन को खाक में मिल सकती है। मधुमेह से ग्रस्त लोगों के लिए यह और भी खास हो जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पटाखे जलाते समय अक्सर लोगों में आंखों की परेशानियां देखी जाती रही हैं। पटाखों को लेकर की गई जरा सी भी लापरवाही न सिर्फ आंखों में चोट का कारण बन सकती है, साथ ही पटाखों से निकलने वाले प्रदूषण के कारण भी आंखों को दीर्घकालिक क्षति का खतरा रहता है। विशेषकर बच्चों में इस तरह के जोखिम अधिक देखे जाते रहे हैं। आइए जानते हैं कि दीपावली के उत्सव में आंखों को स्वस्थ रखने और इससे संबंधित किसी भी प्रकार के जोखिम को कम करने के लिए किन बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है? क्या है विशेषज्ञों की सलाह?

आंखों की पुतली को पहुंच सकता है नुकसान

पटाखों से आंखों की सुरक्षा
पटाखों से आंखों की सुरक्षा

नेत्र रोग विशेषज्ञ कहते हैं, दीपावली में पटाखों को लेकर बरती गई लापरवाही के कारण हाथ और उंगली के बाद प्रभावित होने वाला दूसरा सबसे आम अंग हैं- आंखें। पटाखों के धुंआ के कारण आंखों में जलन-चुभन के साथ लालिमा होने का खतरा होता है। इसके अलावा पटाखों से लगने वाली चोट आंखों में घाव, रक्त के थक्के बनने या पुतली को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

रॉकेट से सबसे ज्यादा बचने की जरूरत

बोतल में जलाए जाने वाले रॉकेट लोगों के चेहरों पर उड़कर लग जाते हैं, जिसके कारण आंखों में चोट के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं। पटाखों के नजदीक से फटने से आंखों की रोशनी भी खराब हो सकती है। इस तरह की समस्याओं से बचे रहने के लिए आइए जानते हैं क्या करें और क्या नहीं?

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