
अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में भी किसान कृषि विधेयक के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। किसानों ने शनिवार को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर जबरन विधेयक थोपा गया तो चाहे कुछ हो जाए, इसे किसी हालत में मंजूर नहीं किया जाएगा।
कृषि अध्यादेश पर किसान संगठन लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई
कृषि अध्यादेश का विरोध पंजाब से शुरू होकर पूरे देश में फैलाया जाएगा, क्योंकि किसी सूरत में किसानों का मालिक कॉरपोरेट सेक्टर को बनने नहीं दिया जाएगा। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार चाहे कोई भी रही हो, किसानों के आगे नतमस्तक होती रही है और इस बार किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां के महासचिव सुखदेव सिंह का कहना है कि सरकार ने बिल तो लोकसभा में पास कर दिया है लेकिन इसे लागू किसी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। सरकार ने जमीन अधिग्रहण कानून बनाया लेकिन किसानों ने लागू नहीं होने दिया था। अब भी तीनों कानूनों को लागू नहीं होने दिया जाएगा, सरकार जितना जोर लगा सकती है लगाकर देख ले।

भारतीय किसान यूनियन डकोंडा के महासचिव जगमोहन सिंह का कहना है कि यह देश की बदकिस्मती है कि यहां पर अन्नदाता की कदर नहीं है, उनको मजदूर बनाने की योजना बन रही है। किसानों को कारपोरेट सेक्टर के हवाले किया जा रहा है। कानून में साफ लिखा है कि कंपनी किसानों की जमीन ले सकती है कंपनी का मतलब तो कारपोरेट ही है।
भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ धक्का किया है। पंजाब की तमाम किसान यूनियन एक मंच पर आ रही हैं और आने वाले दिनों में देश की किसान जत्थेबंदियों को एक मंच पर लाया जा रहा है।

किसान नेता बलवीर सिंह का कहना है कि सरकार कोऑपरेटिव बैंकों को भी खत्म करने जा रही है और सारी प्रक्रिया आरबीआई के अधीन ला रही है। कोऑपरेटिव बैंकों में किसानों का पैसा लगा है, सरकार कैसे उसको अपने अधीन कर रही है। इसलिये किसान आंदोलन को पूरे देश में फैलाने की योजना बनाई जा चुकी है, जिसको अमली जामा पहना दिया जाएगा।