
- जेकेके की अतिरिक्त महानिदेशक ने बच्चों को प्रदान किए सर्टिफिकेट
- अंतिम दिन रंगमंच विधा के प्रतिभागी बच्चों ने दी प्रस्तुति
जयपुर। बच्चों को रचनात्मकता का पाठ पढ़ाने के लिए जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित जूनियर समर कैंप का शुक्रवार को समापन हुआ। इसी के साथ 16 मई से शुरू हुआ मस्ती, क्रिएटिविटी और लाइफ लर्निंग का यह कारवाँ यहीं थम गया। इस मौके पर रंगमंच विधा के प्रतिभागियों ने नाट्य प्रस्तुति दी। जवाहर कला केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक श्रीमती अलका मीणा ने बच्चों को सर्टिफिकेट प्रदान कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर केंद्र की वरिष्ठ लेखाधिकारी श्रीमती बिंदु भॊभरिया, कंसल्टेंट प्रोग्रामिंग मैनेजर डॉ चंद्रदीप हाडा व अन्य प्रशासनिक अधिकारी व अभिभावक मौजूद रहे। साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस पर वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से आयोजित नाट्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को भी सम्मानित किया गया। जूनियर समर कैंप में कुल 14 यथा गायन, कथक, राजस्थानी लोक नृत्य, सिंथेसाइजर, तबला, बांसुरी वादन, कंटेंपरेरी डांस, विजुअल स्टोरी टेलिंग, पोर्ट्रेट मेकिंग, कैलीग्राफी, फड़ चित्रण, फोटोग्राफी, स्टोरी ट्री और रंगमंच विधा का प्रशिक्षण 8 से 17 वर्ष के बच्चों को दिया गया। कैंप में 500 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया।
इन्होंने दिया रंगमंच विधा का प्रशिक्षण
वर्तिका उदावत, धीरेन्द्र पाल सिंह और समंदर सिंह चैटरबॉक्स ग्रुप को प्रशिक्षण दिया। रेणु सनाढ्य और जीतेन्द्र शर्मा छोटे प्यादे ग्रुप के प्रशिक्षक रहे। कुलदीप शर्मा और प्रवीण कुमावत कॉपीराइट ग्रुप के प्रशिक्षक रहे। विजय प्रजापत व वीणा उदवानी ने करेक्शन टेप ग्रुप को प्रशिक्षण दिया। आसिफ शेर अली खान और कल्पना मौर्य टेढ़े मेढ़े ग्रुप के प्रशिक्षक रहे। कमलेश कुमार बैरवा व देवांशी मत्तड़, पवन शर्मा व स्वर्णिम अशोक, विशाल भट्ट व हितिक शर्मा, राजू कुमार और रेया माथुर क्रमशः फुल स्टॉप, मीठा करेला, 11/10 और आपातकालीन ग्रुप के प्रशिक्षक रहे।