
सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे खतरनाक कैंसर है। इस बीमारी से साल 2018 में लगभग 5.7 लाख महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त थीं और लगभग 3.1 लाख महिलाओं की मौत के पीछे इस बीमारी का हाथ है। दरअसल, यह बीमारी ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण की वजह से होता है। लेकिन क्या हमारी लाइफस्टाइल भी सर्वाइकल कैंसर के खतरे को प्रभावित करती है। आइए जानते हैं, इस बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है।
क्या बताया एक्सपर्ट ने?
डॉ ने हमें बताया कि हमारी लाइफस्टाइल की कई आदतें सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। एचपीवी और यौन गतिविधियों का आपस में परसपर संबंंध है। एचपीवी टाइप 16 कैंसर की वजह बनने वाला सबसे आम एजेंट है, जिसकी वजह से सबसे अधिक कैंसर के मामले सामने आते हैं। यह यौन क्रियाओं के जरिए आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। एचपीवी के संक्रमण को कई फैक्टर्स प्रभावित करते हैं, जैसे- यौन संबंध कितने पार्टनर्स के साथ है, वजाइनल यौन संबंध की फ्रिक्वेंसी आदि। इन सभी फैक्टर्स की वजह से एचपीवी संक्रमण हो सकता है।

सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ भी प्रभावित करती है। बच्चा पैदा करने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ता है, तो वही, इस वजह से ओवेरियन कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा काफी कम होता है। आपका व्यवसाय भी सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ाने के पीछे का कारण बन सकता है। दरअसल, धूल, कुछ प्रकार के सॉल्वेंट्स की वजह से सर्वाइकल का जोखिम बढ़ सकता है। स्मोकिंग हमारी सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है, यह तो आप जानते ही हैं, लेकिन स्मोकिंग सर्वाइकल कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है। यह सर्वाइकल कैंसर का बहुत बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है।
सर्वाइकल कैंसर के रिस्क फैक्टर्स में आपका इम्यून सिस्टम और मनोवैज्ञानिक मुद्दे भी शामिल हैं। हालांकि, इस थियोरी का समर्थन करने के लिए काफी कम डाटा मौजूद है, लेकिन इसके बावजूद, ऐसा माना जा सकता है कि सर्वाइकल कैंसर के शुरुआत और साइकोलॉजिकल तकलीफों के बीच संबंध है। इसमें कुछ ऐसे मुद्दे हो सकते हैं, जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं, जैसे- भावनात्मक दमन, जीवन में घटित हुआ कोई ट्रॉमेटिक प्रसंग, आदि।
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