लॉरेंस बिश्नोई पर वीसी से आरोप तय करने पर मांगा जवाब

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के एक बिल्डर से एक करोड रुपये की फिरौती मांगने के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोप तय करने पर राज्य सरकार और शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है। जस्टिस बीरेन्द्र कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश लॉरेंस बिश्नोई की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में कहा गया कि जयपुर मेट्रो-प्रथम की एमएम कोर्ट-7 ने 6 मई 2022 को याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र सहित धमकाने व अन्य धाराओं में वीसी के जरिए सुनवाई कर आरोप तय किए थे। आरोपित ने कोर्ट से चार्ज तय करने के दौरान व्यक्तिगत तौर पर पेश करने का आग्रह किया था, लेकिन उसे चार्ज तय करने के दौरान व्यक्तिगत पेशी की मंजूरी नहीं दी गई और इसकी तय कानूनी प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। इतना ही नहीं निचली कोर्ट ने आरोपी से आदेश पर दस्तखत भी नहीं करवाए और उसे लगाए गए चार्ज को पढकर भी नहीं सुनाया गया। जबकि सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुसार लगाए जा रहे चार्ज को आरोपी को भी पढाया जाता है और उससे पूछा जाता है कि वह इन आरोपों को स्वीकार करता है या नहीं। जबकि मामले में याचिकाकर्ता पर वीसी के जरिए चार्ज तय करते हुए तय कानूनी प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया गया। उसे वीसी के दौरान आवाज भी स्पष्ट सुनाई नहीं दे रही थी। याचिका में कहा गया कि चार्ज तय करने के दौरान उसकी व्यक्तिगत पेशी जरूरी थी ताकि उससे ट्रायल के संबंध में स्वीकृति देने या नहीं देने पर मत जाना जा सके। इसलिए निचली कोर्ट का चार्ज तय करने वाले आदेश को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार व शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है।

गौरतलब है कि सितंबर 2021 में जवाहर नगर निवासी बिल्डर ने पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था कि 7 सितंबर को उसके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सअप कॉल आया था। फोन करने वाला अपने आप को लॉरेंस बिश्नोई बताते हुए जेल से बात करना बताया और एक करोड रुपये की फिरौती मांगी।