
क्या आपको बचपन में कभी शतरंज खेलने के लिए कहा गया था? क्या आप अब भी इसे जारी रखते हैं? यदि हां, तो आपको पहले से ही पता होना चाहिए कि शतरंज ने विभिन्न जीवन कौशल विकसित करने में किस तरह से आपकी मदद की होगी। बच्चों के लिए शतरंज उनके बड़े होने का एक हिस्सा है। यदि आप किसी से पूछें कि क्या वे शतरंज खेलते हैं, तो उनका सामान्य उत्तर होगा, मैं बचपन में शतरंज खेलता था, लेकिन धीरे-धीरे इसका स्पर्श छूट गया। कई स्कूलों में, शतरंज छात्रों के लिए पाठ्येतर कौशल का एक हिस्सा है, और माता-पिता आग्रह करते हैं कि उनके बच्चे इस खेल को अपनाएँ। लेकिन बच्चों में शतरंज को तरजीह क्यों दी जाती है? क्योंकि शतरंज के नियमित खेल और प्रशिक्षण से बच्चों को बहुत कुछ हासिल करने और सीखने को मिलता है। यहां खेल के कुछ लाभ दिए गए हैं जो स्पष्ट हैं।
याददाश्त बढ़ाता है

शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसमें खिलाड़ी को चालें याद रखने और सीखने की आवश्यकता होती है। ऐसे में यह गेम याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है। इससे स्मरण शक्ति में सुधार होता है। जो लोग शतरंज खेलते हैं, उनकी सीखने की क्षमता तेजी से डेवलप होती है। यह गेम अल्जाइमर और डिमेंशिया से भी बचाता है। जब आप शतरंज खेल रहे होते हैं, तो आपके मस्तिष्क को लगातार चुनौती का सामना करना पड़ता है। जब बच्चे स्कूल में शतरंज सीखते हैं, तो उनकी पढ़ाई पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। पढ़ते समय उनकी याददाश्त और एकाग्रता में सुधार होता है।
आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी
शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसमें सभी खिलाड़ी अकेले होते हैं। उन्हें गेम से संबंधित निर्णय खुद ही लेने होते हैं और इसके परिणाम के लिए भी खिलाड़ी ही जिम्मेदार होते हैं। अगर वो हारते हैं, तो उनकी गलती होती है और गेम जीत लेते हैं, तो इसके हकदार भी वो खुद होते हैं। इस तरह शतरंज खेलने से जिम्मेदारी का अहसास होता और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इस गेम से आप खुद पर भरोसा करना सीखते हैं।
समस्या का हल करना सीखते हैं

शतरंज एक पहेली की तरह है, इसे जीतने के लिए हल करने की आवश्यकता होती है। इस गेम में चालें चलने के लिए सोचने का भी अभ्यास होता है। इस गेम में आने वाली समस्या को हल करने के लिए आप दिमाग पर जोर डालते हैं, जिससे माइंड तेजी से काम करता है। शतरंज खेलने से आप किसी भी समस्या का हल भी तेजी से ढूंढना सीख जाते हैं।
ढ्ढक्त लेवल बढ़ाता है
शतरंज आईक्यू को बेहतर बनाता है। कई बार यह साबित हो चुका है कि शतरंज के खिलाडिय़ों का आईक्यू लेवल दूसरों की तुलना में अधिक होता है। एक रिसर्च के अनुसार, जिन बच्चों ने शतरंज खेला, उनका आईक्यू उन बच्चों की तुलना में अधिक था, जो शतरंज नहीं खेलते थे।
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