
- किसान, युवा, महिला एवं मजदूर के उत्थान में कारगर हो रहा पखवाड़ा
- ग्रामीणों की राह हो रही आसान, एक ही स्थान पर हो रहे काम: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
- अंत्योदय के संकल्प के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा योजनाओं का लाभ: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
कोटा/जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के अंतर्गत गांवों में किए जा रहे कार्य विकसित भारत-विकसित राजस्थान का संकल्प साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रदेशभर के गांवों में दिव्यांगों, महिलाओं, बुजुर्गों और वंचितों का उत्थान सरकारी योजनाओं के माध्यम से सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिविरों के माध्यम से वर्षों से लंबित कार्य एक ही स्थान पर किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की राह आसान हो रही है।
शर्मा सोमवार को कोटा के सांगोद में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित शिविर और सुपोषित मां अभियान के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में चार जातियां- किसान, युवा, महिला एवं मजदूर बताई हैं। उनकी मंशा के अनुरूप राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े की पहल की है जिसके अंतर्गत 24 जून से 9 जुलाई तक ग्रामीण क्षेत्रों में शिविरों के माध्यम से व्यापक कार्य कर इन वर्गाें को लाभान्वित किया जा रहा है। शिविरों में सीमाज्ञान, रास्तों के प्रकरणों का समाधान, बिजली के झूलते तारों को कसने का कार्य, पशुओं के टीकाकरण जैसे विभिन्न कार्य हाथ में लिए गए हैं।
ग्रामीण परिवारों को बीपीएल श्रेणी से बाहर निकालेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के उत्थान के लिए पंडित दीनदयाल गरीबी मुक्त गांव योजना शुरू की है, जिसके माध्यम से ग्रामीण परिवारों को बीपीएल श्रेणी से बाहर निकाला जाएगा। इसमें पांच हजार गांवों का सर्वे हो चुका है। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं को रोजगार देने और किसान कल्याण के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। डेढ़ वर्ष के अल्प कार्यकाल में हमने 69 हजार पदों पर नियुक्तियां दी है और लगभग 1 लाख 88 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। वहीं हम किसानों को वर्ष 2027 तक दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर दृढ़ता के साथ कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में 22 जिलों में हम दिन में बिजली उपलब्ध भी करवा रहे हैं।
केन्द्र एवं राज्य की डबल इंजन की सरकार से हर वर्ग और क्षेत्र का तेजी से विकास
शर्मा ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य की डबल इंजन की सरकार प्रदेश में हर वर्ग और हर क्षेत्र का विकास तेजी से कर रही है। महिला कल्याण को प्रमुख प्राथमिकता देते हुए नीतियों एवं योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित किया जा रहा है। हमने 14 लाख महिलाओं को लखपति दीदी योजना के तहत प्रशिक्षण दिया है और लगभग 5 लाख 60 हजार महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि 1 लाख बालिकाओं को लाडो प्रोत्साहन योजना से लाभान्वित करते हुए 9वीं कक्षा में प्रवेश लेने वाली 10 लाख बालिकाओं को साईकिल भी वितरित की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों के विकास कार्यों के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध करवा रही है। हमने कोटा जिले के विकास के लिए 3 हजार 30 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है।
पूर्ववर्ती सरकार के पांच साल से अधिक डेढ़ साल में किया काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने डेढ़ साल के अल्प कार्यकाल में पूर्ववर्ती सरकार के पांच साल के कार्यकाल से अधिक काम किया है। पूर्ववर्ती सरकार ने 5 साल में केवल एक लाख 75 हजार स्वामित्व कार्ड का वितरण किया, जबकि हमारी सरकार ने 18 माह में ही साढ़े 9 लाख कार्ड वितरित कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 1 हजार 381 गांवों को सड़कों से जोड़ा जबकि गत सरकार 5 वर्षों में केवल 1 हजार 104 गांवों को ही जोड़ पाई। इसी प्रकार हमने बिजली उत्पादन क्षमता में 4 हजार 270 मेगावाट की वृद्धि की, जबकि पूर्ववर्ती सरकार 5 वर्षों में 3 हजार 948 मेगावाट बढ़ा पाई।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास कार्यों का किया लोकार्पण और शिलान्यास
इस दौरान मुख्यमंत्री ने 26.24 करोड रुपए की लागत से परवन नदी पर बने हाई लेवल ब्रिज तथा 45 करोड रुपए की लागत से कालीसिंध नदी पर बने उच्च स्तरीय पुल का लोकार्पण किया। साथ ही, समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत ग्राम कनवास में 41.87 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के नवीन भवन निर्माण कार्य का लोकार्पण भी किया गया। उन्होंने सांगोद में 16.69 करोड रुपए की लागत से डलने वाली सीवरेज लाइन और ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुपोषित मां अभियान मातृशक्ति के सशक्तीकरण और गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य संरक्षण को समर्पित है। अभियान में वंचित परिवारों की गर्भवती महिलाओं को चिह्नित कर प्रसव होने तक प्रतिमाह निःशुल्क पोषण किट का वितरण किया जा रहा है।
वंचित और ज़रूरतमंद व्यक्ति के कल्याण के संकल्प को साकार कर रहा अंत्योदय पखवाड़ा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अंत्योदय संबल पखवाड़ा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि उस विचारधारा का सजीव रूप है, जिसमें समाज के सबसे वंचित और जरूरतमंद व्यक्ति के कल्याण का संकल्प निहित है। राज्य सरकार ने इसी सोच के साथ इस पखवाड़े की शुरुआत की है ताकि हर योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके। बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सेवा को सुशासन का आधार बनाया है। राज्य सरकार भी उसी सोच के साथ योजनाओं को पंचायत और गांव तक पहुंचा रही है। आज महिलाएं, युवा, किसान और मजदूर सरकारी योजनाओं से सीधे जुड़ रहे हैं। यह अंत्योदय की दिशा में एक ठोस कदम है।
हर गांव में बुनियादी सुविधाओं पर हो रहा प्रभावी काम
बिरला ने कहा कि हम किसानों को समय पर बिजली, विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली देने के लिए गंभीरता से काम कर रहे है। हर गांव को सड़क, अस्पताल और स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने के लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। बिरला ने सुपोषित मां अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं को नियमित स्वास्थ्य जांच, पोषण आहार और अन्य जरूरी सहायता दी जा रही है। यह अभियान केवल मां और बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि एक संस्कारित और स्वस्थ पीढ़ी के निर्माण का प्रयास भी है।
इससे पहले मुख्यमंत्री शर्मा ने कृषि उपज मंडी परिसर में सिंदूर का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने अंत्योदय संबल शिविर में विभिन्न विभागों की स्टॉल्स पर आमजन को दी जा रही राहत के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने शिविर स्थल पर तीन दिव्यांगों को बैटरी चलित साइकिल एवं पांच मेधावी बालिकाओं को स्कूटी भी वितरित की।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर, ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हीरालाल नागर, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक, विधायक संदीप शर्मा और कल्पना देवी सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।