मानसून की वर्तमान स्थिति और बाढ़ नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री ने तैयारियों की समीक्षा की

प्रदेश में अब तक औसत सामान्य वर्षा से 19 प्रतिशत कम वर्षा हुई

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर मानसून की वर्तमान स्थिति और बाढ़ नियंत्रण के लिए तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानसून को देखते हुए अत्यधिक वर्षा और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां रखी जाएं। उन्होंने जयपुर, कोटा, अजमेर में विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिला कलेक्टर्स को राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयारी रखने को कहा। गहलोत ने आंध्र प्रदेश की तर्ज पर कैचमेंट एरिया में छोटे-छोटे बांध बनाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।

अगले एक माह तक सक्रिय रहेगा मानसून

बैठक में मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक आर.एस. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक औसत सामान्य वर्षा से 19 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। चुरू एवं नागौर में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। आने वाले समय में प्रदेश में सामान्य बारिश रहने की संभावना है। अगले एक माह तक मानसून सक्रिय रहेगा। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने राज्य के प्रमुख बांधों में जल भराव की 16 अगस्त तक की स्थिति के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि राज्य के 22 बड़े बांधों में अपनी भराव क्षमता का 57.12 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। बीसलपुर में क्षमता का 56 प्रतिशत, राणा प्रताप सागर में 73 प्रतिशत जबकि जवाहर सागर में 80 प्रतिशत पानी आया है।

3 जिलों में एनडीआरएफ, 20 जिलों एसडीआरएफ की तैनाती

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जयपुर शहर में जैसी जलभराव की स्थिति हुई थी, वैसी प्रदेश में टोंक को छोड़कर अन्य शहरों में नहीं है। बाढ़ एवं आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जयपुर में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष तथा प्रदेश के सभी जिलों में भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैंं। बाढ़ प्रबंधन के लिए सभी जिलों में फ्लड कंटिन्जेंसी प्लान बनाया गया है। जयपुर, कोटा एवं अजमेर में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। प्रदेश के 20 जिलों में एसडीआरएफ तथा सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा बचाव दलों की तैनाती की गई है।

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किसानों के खातों में 739.32 करोड़ रुपए हस्तांतरित

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर एवं हनुमानगढ़ जिले के फसल खराबे से प्रभावित 2 लाख 10 हजार 984 किसानों के खातों में 220.06 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए गए। टिड्डियों के प्रकोप के कारण फसल खराबे के लिए 8 जिलों के 77,593 किसानों के खातों में 129 करोड़ 51 लाख रुपए जमा कराए गए। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए 15 जिलों के 85 हजार 506 किसानों के खातों में 79.06 करोड़ रुपए की राशि जमा कराई गई।

मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से मंगलवार को एक और बुरी खबर आई है। एमटी 2 बाघिन के शावक ने आखिरकार दम तोड़ दिया। बाघिन तीन अगस्त को मृत पाई गई थी और तभी से उसके इस पांच माह के शावक का इलाज चल रहा था। बाघ एमटी 1 के साथ संघर्ष के दौरान बाघिन की मौत हो गई थी।

एक जून को पहली बार यह बाघिन अपने दो शावकों के साथ नजर आई थी। मुकंदरा से 23 जुलाई से अभी तक यानी 23 दिन के अंतराल में बाघ परिवार में यह तीसरी मौत है। वहीं अभी दो शावक लापता हैं। एक इसी बाघिन का एक शावक तथा दूसरा एमटी-4 बाघिन का शावक भी अभी तक नहीं मिला है। इसके साथ ही मुकंदरा में अब दो टाइगर है एमटी1 बाघ और बाघिन एमटी4 बचे हैं।

शावक का एयर कंडीशनर आईसीयू में इलाज जारी

शावक का तीन डाक्टरों की टीम की देखरेख में इलाज चल रहा था। मेडिकल टीम में डा. राजीव गर्ग, तेजेंद्र सिंह रियाड़, अखिलेश पांडे शामिल थे। जू में शावक के इलाज के लिए एसी (एयर कंडीशनर) आईसीयू बनाया गया था।

टीम ने शावक की लीवर, किडनी की जांच कराई थी। जांच में प्रोटीन की कमी सामने आई थी। इसके लिए ट्रीटमेंट भी दे दिया गया था। शाव खुद फीडिंग नहीं कर रहा था। उसे जोधपुर से मंगवाया गया फूड सप्लीमेंट भी दिया जा रहा था। शावक को मीट के टुकड़े भी दिए जा रहे हैं, जिसे वह खाने का प्रयास कर रहा था। साथ ही सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही था।