
चीन ने गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों के अपमान के आरोप तीन ब्लॉगर समेत कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों की हिंसक झड़प हुई थी। इसमें हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे। वल्र्ड मीडिया के मुताबिक, चीन के 45 सैनिक मारे गए थे। करीब 8 महीने बाद आधिकारिक तौर पर उसने सिर्फ चार सैनिकों के मारे जाने की बात कबूल की है।
इकोनॉमिक ऑब्जर्वर अखबार के इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट क्यू जिमिंग भी गिरफ्तार लोगों में शामिल हैं। उन्हें नानजिंग प्रांत से गिरफ्तार किया गया। क्यू ने सोशल मीडिया पर मारे गए चीनी सैनिकों की सही संख्या जाननी चाही थी।

उन्होंने कहा था कि जो सैनिक मारे गए हैं और जो कमांडर गंभीर रूप से घायल है, उनकी भी सही पहचान बताई जानी चाहिए। चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बीवो पर क्यू के 25 लाख फॉलोअर हैं। चीन में ट्विटर की जगह माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म बीवो ही है।
क्यू ने सोशल मीडिया पर सरकार के इरादों पर सवालिया निशान लगाए। पूछा- सरकार यह बताए कि जब भारत ने अपने सैनिकों के शहीद होने की बात घटना के फौरन बाद स्वीकार कर ली थी तो हमारी सरकार ने 8 महीने क्यों लगाए। कहीं ऐसा तो नहीं कि भारत ने कम नुकसान झेलकर बड़ा फायदा हासिल कर लिया हो।