नेपाल के हुमला जिले में चीन ने 11 बिल्डिंग्स बनाई, दोनों देशों में सीमा विवाद शुरू

15 साल पहले तक हुमला जिले के इस क्षेत्र में महज एक झोपड़ी थी, अब यहां 11 बिल्डिंग्स नजर आ रही हैं

काठमांडू। नेपाल में चीनी कब्जे की सच्चाई सामने आने लगी है। इसके साथ ही दोनों देशों में सीमा विवाद भी शुरू हो गया है। नेपाल के हुमला जिले में चीन ने 11 बिल्डिंग्स बनाई हैं। इनमें से 9 हाल ही में बनाई गई हैं। खास बात यह है कि इन इलाकों में स्थानीय लोगों के जाने पर रोक है।

इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की गई। जिला प्रशासन ने जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी। होम मिनिस्ट्री के आदेश पर इस इलाके की जांच की गई। जांच में पता लगा कि जिस इलाके में 15 साल पहले सिर्फ एक झोपड़ी थी, वहां अब आलीशान इमारतें नजर आ रही हैं।

सबसे पहले पिलर हटाया

काठमांडू पोस्ट ने चीन की इस हरकत का खुलासा अपनी एक रिपोर्ट में किया है। हुमला के असिस्टेंट चीफ डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर दत्तराज हमाल ने हाल ही में उस इलाके का दौरा किया जहां, चीन ने बिल्डिंग्स बनाई हैं। हमाल ने कहा- मैंने स्थानीय लोगों से जानकारी ली है। होम मिनिस्ट्री को जानकारी दे दी गई है।

दरअसल, हुमला जिले में नामखा नगरपालिका क्षेत्र है। यहां के लोगों ने ही प्रशासन को बताया था कि उनके क्षेत्र में 9 नई इमारतें बनाई गई हैं। नामखा के चेयरमैन विष्णु बहादुर तमांग ने कहा- चीन इस इलाके को अपना बताता है। अधिकारियों से बातचीत में चीनी अफसरों ने दावा किया कि जहां इमारतें बनाई गई हैं, उनका क्षेत्र उससे भी एक किलोमीटर ज्यादा है।

नेपाल के सिक्योरिटी अफसर भी पहुंचे

चीन की इस हरकत पर नेपाल की सरकार भी सतर्क है। उसने न सिर्फ सिविलियन अफसरों को विवादित क्षेत्र में भेजा बल्कि उनके साथ सिक्योरिटी एजेंसीज के आला अफसर भी वहां गए। हुमला के सांसद चक बहादुर लामा ने कहा- विवाद की मुख्य वजह वहां से पिलर नंबर 11 हटाया जाना है। इसके बाद चीन इस क्षेत्र को अपना बताने लगा। यहां से नेपाल और तिब्बत के बीच व्यापार भी होता है। यह नेपाल का इलाका है। यहां हमारे सैनिक तैनात होने चाहिए थे। सरकार ने लापरवाही की।

दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है चीन

रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को जब नेपाल के अफसरों की टीम यहां मुआयना करने पहुंची तो चीनी सेना ने वहां अपने ट्रक, टैंकर और जीप भेज दीं। इन सभी में सैनिक मौजूद थे। चीनी सैनिकों ने नक्शा दिखाते हुए दावा किया कि यह क्षेत्र उनकी सीमा में आता है। चीन की एम्बेसी के प्रवक्ता झेंग सी ने कहा- इस बारे में पहले भारतीय मीडिया ने खबरें फैलाईं थीं। अब नेपाली मीडिया भी यही कर रहा है। यह हमारा इलाका है और इसीलिए वहां बिल्डिंग्स बनाई गई हैं।