चुनाव से पहले चिराग पासवान का बड़ा बयान, कहा – मेरा बिहार मुझे बुला रहा

चिराग पासवान
चिराग पासवान

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तपिश बढ़ गई है। सभी राजनीतिक दल जनता को अपने पाले में लाने की कवायद में जुटे हैं। ऐसे में नेताओं की बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। इसी कड़ी में लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बिहार की राजनीति में अपनी भूमिका को लेकर इच्छा जाहिर की है। उन्होंने बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की इच्छा जताई है। चिराग पासवान ने कहा है कि वह ज्यादा समय केंद्र की राजनीति में नहीं रहना चाहते और उनको बिहार बुला रहा है।

पासवान का बयान कई मायनों में अहम

चुनाव से पहले चिराग पासवान का ये बयान कई मायनों में अहम माना जा रहा है। उनके इस बयान ने सियासी गलियारे में सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वे बिहार के चुनाव में अहम चेहरा होने वाले हैं? क्या वह बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं? क्या वे बिहार में एनडीए के सत्ता वापसी करने पर किसी पद की दावेदारी ठोक सकते हैं?

मेरा प्रदेश मुझे बुला रहा है

चिराग पासवान ने एक निजी टीवी चैनल को दिए इन्टरव्यू में कहा कि मेरा प्रदेश मुझे बुला रहा है, मेरे पिता केंद्र की राजनीति में ज्यादा सक्रिय रहे थे, लेकिन मेरी प्राथमिकता बिहार है और मैं ज्यादा समय तक केंद्र में नहीं रहना चाहता। हालांकि उन्होंने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि वे 2025 का विधानसभा चुनाव खुद नहीं लड़ेंगे, लेकिन 2030 के विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में लौट आएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्त्ता और युवा लगातार मांग कर रहे हैं कि बिहार की राजनीति में सक्रिय हो। उनकी सभाओं में लोगों की भीड़ बताती है कि बिहार में मेरी जिम्मेदारी है।

चिराग के बयान पर बीजेपी की प्रतिक्रिया

वहीं, बीजेपी ने चिराग पासवान के बयान का स्वागत किया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हनुमान के रूप में चर्चित चिराग पासवान बिहार की राजनीति में सक्रिय होने की घोषणा स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि आपके पिता रामविलास पासवान ने केंद्र में मंत्री रहते हुए बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। चिराग पासवान भी जिस किसी पद पर रहे अपनों पिता के प्रणों का अनुसरण किया।