
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खानपान की गलत आदतों ने यूरिक एसिड की समस्या को आम बना दिया है। बढ़ा हुआ यूरिक एसिड जोड़ों में सूजन, दर्द और अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बनता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास पत्तियों की चटनी इस समस्या का घरेलू इलाज हो सकती है? कई पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने में मदद करते हैं। इनमें से कुछ पत्तों की चटनी नियमित रूप से खाने से यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। इन पत्तों की चटनी से होगा यूरिक एसिड का घरेलू इलाज
यूरिक एसिड में फायदेमंद है इन पत्तों की चटनी

आयुर्वेद में कई ऐसे पौधे हैं जिनमें यूरिक एसिड को कम करने की क्षमता होती है। इन पौधों से बनी चटनी न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि यूरिक एसिड को कम करने में भी मदद करती है। इन चटनियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन को कम करने और यूरिक एसिड के क्रिस्टल को तोडऩे में मदद करते हैं।
किन पत्तों का होता है इस्तेमाल?
धनिया के पत्ते: धनिया में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है।
पुदीने के पत्ते: पुदीना में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
तुलसी के पत्ते: तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
नीम के पत्ते: नीम के पत्तों में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो यूरिक एसिड के क्रिस्टल को तोडऩे में मदद करते हैं।
कैसे बनाएं इन पत्तों की चटनी?
सामग्री: धनिया के पत्ते, पुदीने के पत्ते, तुलसी के पत्ते, नीम के पत्ते (थोड़ी मात्रा में), हरी मिर्च, अदरक, लहसुन, नींबू का रस, नमक
विधि: सभी पत्तों को अच्छी तरह धोकर बारीक काट लें। हरी मिर्च, अदरक और लहसुन को भी बारीक काट लें। सभी सामग्री को एक मिक्सर में डालकर पीस लें। इसमें नींबू का रस और नमक मिलाकर एक चिकनी चटनी बना लें।
इस चटनी को खाने से मिलेंगे कई फायदे
यूरिक एसिड के स्तर को कम करे
जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करे
शरीर की सूजन भी होती है दूर
डाइजेशन भी रहता है हेल्दी
इम्युनिटी बढ़ाने में भी मददगार
कब और कैसे खाएं?
आप इस चटनी को रोजाना खाने के साथ ले सकते हैं। इसे दही या सलाद के साथ भी खा सकते हैं। हालांकि, किसी भी घरेलू इलाज को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना भी जरूरी है।
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