बीएस-6 वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रोफिटिंग को हरीझंडी

सीएनजी
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जानें इसके नियम-कायदे और फायदे

नई दिल्ली। भारत सरकार ने बीएस-6 उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने वाले पेट्रोल और डीजल वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो फिटमेंट की इजाजत दे दी है। इस समय रेट्रो फिटमेंट के जरिए ऐसे संशोधनों की अनुमति सिर्फ उन वाहनों में है जो बीएस-4 उत्सर्जन मानदंडों के अनुरूप हैं।

सीएनजी एक पर्यावरण के अनुकूल ईंधन

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि मंत्रालय ने बीएस (भारत स्टेज)-6 पेट्रोल वाहनों पर सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रोफिटमेंट और 3.5 टन से कम बीएस 6 वाहन के मामले में डीजल इंजन को सीएनजी या एलपीजी इंजन के साथ रिप्लेस करने के लिए अधिसूचित किया है। अधिसूचना ने रेट्रोफिटमेंट किट के लिए टाइप अप्रूवल जरूरतों को भी तय किया है। मंत्रालय ने कहा कि सीएनजी एक पर्यावरण के अनुकूल ईंधन है और पेट्रोल और डीजल जैसे फॉसिल फ्यूल (जीवाश्म ईंधन) की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, पार्टिकुलेट मैटर और धुएं के उत्सर्जन स्तर को कम करने का दावा करता है। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि यह अधिसूचना हितधारकों के परामर्श से तैयार की गई है।

पेट्रोल-डीजल की तुलना में सीएनजी सस्ता

पेट्रोल या डीजल की तुलना में एक स्वच्छ ईंधन समाधान होने के अलावा सीएनजी या ऑटो एलपीजी फॉसिल फ्यूल विकल्पों की तुलना में काफी सस्ते भी हैं। पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के साथ, देश भर में सीएनजी और ऑटो एलपीजी की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, फैक्ट्री-फिटेड सीएनजी कारों की उपलब्धता की कमी और सीएनजी या ऑटो एलपीजी के लिए ईंधन भरने वाले स्टेशनों की कमी वाहन मालिकों के सामने आने वाली कुछ परेशानियां हैं। साथ ही, ये कारण इस सेगमेंट में बढ़ोतरी में रुकावट हैं।

सीएनजी में कंवर्जन की रफ्तार बढ़ी

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भारत में कुछ ही कारें फैक्ट्री फिटेड सीएनजी किट के साथ आती हैं। इनमें मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और ह्यूंदै के कुछ मॉडल शामिल हैं। हालांकि, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ, वाहनों का सीएनजी और ऑटो एलपीजी में कंवर्जन की रफ्तार बढ़ रही है, और इसमें आफ्टरमार्केट खिलाडिय़ों का वर्चस्व है।

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