सीएम अशोक गहलोत ने हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर शिंदे पर कसा पर तंज

ashok gehlot
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गोवा,मणिपुर, कर्नाटक,मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र यहां सभी में शिंदे साहब बैठे हुए हैं


जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को नालसा द्वारा आयोजित राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के 18वें अखिल भारतीय सम्मेलन में एक बार फिर चुनी गई राज्य सरकारों को गिराने पर चिंता जताई है ।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि  रिटायरमेंट के बाद हमें क्या बनना है या हम क्या बन सकते हैं यह चिंता अगर ब्यूरोक्रेसी में रहेगी, जजेज में रहेगी तो फिर कैसे काम करेगा। हालात बहुत गंभीर हैं देश के अंदर बताइए आप।
गोवा,मणिपुर, कर्नाटक,मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र । शिंदे साहब बैठे हुए हैं यहां। एक शिंदे ये बैठे हुए हैं, एक शिंदे मुख्यमंत्री बन गए, बताइए आप।
ये तमाशा है ? लोकतंत्र है अभी देश के अंदर ? कैसे रहेगा लोकतंत्र ?

गहलोत ने कहा कि अगर चुनी हुई सरकारें हॉर्स ट्रेडिंग के बदले जाएंगी, ये तो मेरी सरकार कैसे बच गई ये भी आश्चर्य हो रहा है देश के अंदर। वरना मैं आपको यहां खड़ा नहीं मिलता, रिजुजु के सामने कोई दूसरा मुख्यमंत्री मिलता आपको अभी। ‘टच एंड गो’ का मामला ही था वहां भी। तो भाई किससे हो सकता है बताइए आप। स्थिति नाजुक है हमें उसे देखना पड़ेगा।

सीएम गहलोत ने कहा कि मैं भी एक बात आपको कहना चाहूंगा केंद्रीय विधि मंत्री रिजिजू  से ।  एक मेरी भावना आप पहुंचाइए पीएम नरेंद्र मोदी तक, मैं 3 महीने से बोल रहा हूं लगातार, पर आप तो गृह मंत्री भी रहे हैं मुझे मालूम है, आपको गॉड गिफ्ट है कि जब आप बोलते हैं तो लोग सुनते भी हैं आपकी बात को, पर मैं कहना चाहूंगा आपको कि हम बार-बार कह रहे हैं कि आज देश में तनाव है, हिंसा का माहौल है, ये नहीं होना चाहिए, लोकतंत्र उसी पर टिका हुआ होता है, टॉलरेंस पावर होनी चाहिए। टॉलरेंस जो है, वो तो लोकतंत्र के गहने के रूप में ऑर्नामेंट के रूप में है, वो आज नहीं है, तो हम कहते हैं बार-बार कि प्रधानमंत्री  की क्रेडिबिलिटी ऐसी हो गई है आज कि वो बात कहते हैं, लोग उनको वोट देते हैं, डेमोक्रेसी है, वो चुनाव जीतते हैं। तो जो मुख्यमंत्री हो, या प्राइम मिनिस्टर हो, वो कोई बाद कहेगा देशवासियों को, संबोधित करेगा, देश सुनेगा, तो क्या प्रधानमंत्री  को ये नहीं कहना चाहिए कि भई देश के अंदर भाईचारा, प्रेम, मोहब्बत, सद्भावना रहनी चाहिए और मैं किसी कीमत पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं करूंगा, यही तो कहना है उनको और मैं समझता हूं कि आप उनको कन्विंस कर सकते हो, हमारे कहने से तो वो कर नहीं रहे हैं, आप जाकर हमारी भावना पहुंचाइए, करना बहुत आवश्यक है क्योंकि आज माहौल ऐसा बन गया है देश के अंदर जो चिंता पैदा कर रहा है और वो चिंता समाप्त होनी चाहिए ।