
कोरोना की तीसरी लहर सितंबर में आने की आशंका जताई जा रही है। इस लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के प्रभावित होने का अनुमान है। तीसरी लहर को कैसे कंट्रोल किया जाए इसको लेकर विशेषज्ञ डॉक्टर्स संग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चर्चा की। इसमें विशेषज्ञों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल तब तक न खोलने का सुझाव दिया, जब तक बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती। विशेषज्ञों के इस सुझाव के बाद कयास लगाए जा रहे है कि प्रदेश में स्कूल नहीं खुलेंगे।
दरअसल देशभर में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के केस फिर से बढऩे लगे है। केरल सहित नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और असम में ज्यादा केस आने के बाद ऐसी आशंकाएं जताई जा रही है कि जल्द ही तीसरी लहर आ सकती है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने इससे बचाव कैसे हो इस पर चर्चा के लिए एक्सपर्ट्स संग रिव्यू किया।
इस बैठक में स्रूस् मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. सुधीर भंडारी, सीनियर श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह, स्रूस् मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक विभाग के प्रोफेसर और जेके लोन हॉस्पिटल जयपुर सीनीयर डॉक्टर डॉ. एमएल गुप्ता सहित अन्य विशेषज्ञों ने स्कूल खोलने के मामले में अपनी राय दी।
उन्होंने कहा कि जब तक बच्चों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता और बचाव के समस्त उपायों के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन नहीं आ जाती तब तक स्कूल खोलने ठीक नहीं रहेगा। बैठक में उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में भी बड़ी संख्या में छोटे बच्चे संक्रमित हुए, जिनमें कुछ बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम (एमआईएस-सी) के मामले सामने आ रहे है। ऐसे में बच्चों को बचाने के लिए वैक्सीन बहुत जरूरी है।
सीनियर श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि अगस्त आखिरी या सितंबर तक कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी। ऐसे में डेढ़-दो महीने अगर स्कूल नहीं खोलेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा। क्योंकि स्कूलों में बच्चे न तो मास्क हर समय लगाकर रखते और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ठीक से पालन कर पाते। उन्होंने बताया कि कोविड की दूसरी लहर के बाद बिना लक्षण दिखे (एसिम्प्टोमैटिक) संक्रमित हुए कुछ बच्चों में पोस्ट कोविड लक्षण देखने को मिले हैं। ऐसे में हमे अगर बच्चों को बचाना है तो ज्यादा सतर्क रहना होगा।
यह भी पढ़ें-राज्यपाल को जयपुर टाइगर फेस्टिवल का पोस्टर भेंट