
रक्षाबंधन पर सरकार ने महिलाओं व बालिकाओं को रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा का तोहफा तो दिया मगर यह आधा-अधूरा ही है। महिलाएं राखी बांधने अपने भाई के घर बसों से नि:शुल्क जा पाएंगी, लेकिन वापस आने पर उन्हें किराया चुकाना पड़ेगा। दरअसल, ज्योतिषीय मत के अनुसार 30 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त रात 9 बजे के बाद का है। वहीं रोडवेज बसों में छूट 30 अगस्त को रात 12 बजे तक की है। महिलाएं राखी बांधकर रात 12 बजे तक वापस अपने घर नहीं लौट पाएंगी। इसका कारण है कि 60 फीसदी जिलों से शाम 6-7 बजे बाद राजधानी के लिए भी बस नहीं चलती है। दूसरी तरफ कुछ स्थानों, मंदिरों में 31 अगस्त को भी रक्षाबंधन मनाई जाएगी। ऐसे में वहां भी 31 अगस्त को महिलाएं राखी बांधेंगी। उन्हें भी बसों में किराया चुकाना पड़ेगा।
हर साल 6 लाख से अधिक महिलाएं करती हैं सफर

रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए सरकार हर साल नि:शुल्क सफर ही रखती है। पिछले 3-4 साल से हर वर्ष 6 लाख से अधिक महिलाएं बसों में नि:शुल्क यात्रा करती हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं ग्रामीण व गरीब परिवारों से होती हैं। नि:शुल्क यात्रा का लाभ उठाकर वे अपने भाईयों को राखी बांध पाती हैं।
महिलाओं की मांग, दो दिन सफर हो नि:शुल्क

साल दिन में राखी बांधकर रात तक वापस अपने घर लौट आती हूं। इस बार राखी ही रात को बंधेगी। चूरू से जयपुर के लिए रात 10 बजे कोई बस ही नहीं है। वापसी 31 अगस्त को ही होगी, उस दिन किराया लगेगा। सरकार यदि वाकई महिलाओं को तोहफा देना चाहती है तो मुफ्त यात्रा दो दिन करवाए। तारा देवी, मानसरोवर निवासी
जयपुर में ही कई प्रमुख मंदिरों में रक्षाबंधन 31 अगस्त को मनाई जाएगी। हमारे परिवार में भी 31 अगस्त को राखी बंधेगी। सरकार को दोनों दिन महिलाओं के लिए मुफ्त सफर रखना चाहिए।
सुषमा यादव, सोडाला निवासी
फैक्ट फाइल
- साधारण व एक्सप्रेस श्रेणी की करीब 2900 बसों में ही की जा सकेगी नि:शुल्क यात्रा
- सेमी डीलक्स, स्लीपर, वोल्वो श्रेणी की करीब 200 बसों में लगेगा किराया
- केवल राजस्थान की सीमा में ही कर सकेंगी नि:शुल्क यात्रा।
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