
भारत में डेंटिस्ट्स के पास जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी
कोलगेट के ओरल हेल्थ मूवमेंट में भारत में ओरल हेल्थ का स्कोर 5 में से 2.6 रहा, जिससे देश में ओरल केयर को प्राथमिकता डी दिए जाने की जरूरत प्रदर्शित होती है
नई दिल्ली: कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड आठ दशक से अधिक समय से भारत में ओरल केयर क्रांति ला रहा है। कंपनी देश में ओरल हेल्थ में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में लगभग 100% परिवारों में टूथपेस्ट का उपयोग होता है, लेकिन ओरल केयर के क्षेत्र में अभी भी बहुत संभावनाएं हैं। ओरल केयर में वो आसान दैनिक आदतें शामिल हैं, जो बिना खर्च लंबे समय तक ओरल हेल्थ बनाकर रखती हैं।
भारत में 90%* लोगों को दांतों की समस्या है, लेकिन डेंटिस्ट से नियमित जांच केवल 9% लोग ही कराते हैं। इसलिए इस महत्वपूर्ण विषय पर बातचीत शुरू करना और इस बारे में कार्रवाई करना आवश्यक था। मौजूदा और आदर्श व्यवहार के बीच के अंतर को दूर करने के लिए कोलगेट ने नवंबर 2024 में ओरल हेल्थ मूवमेंट शुरू किया। इस पहल में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से लाखों भारतीयों को सशक्त बनाया गया। उन्हें अपने मोबाइल फोन से ओरल हेल्थ की जांच करने में समर्थ बनाया गया, तथा इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) के साथ साझेदारी में 50,000 डेंटिस्ट्स का नेटवर्क विकसित किया गया, ताकि उनका फ्री डेंटल चेक-अप किया जा सके।
2019 में कांटार द्वारा किया गया डेंटल कैम्प अध्ययन।
कोलगेट ओरल हेल्थ मूवमेंट में, पूरे देश में 4.5 मिलियन से अधिक भारतीयों की ओरल हेल्थ की जांच की गई। यह जांच 700 से अधिक जिलों के 18,000 से अधिक पिन कोड में हुई। जिन लोगों की जांच की गई, उनमें से 1/6 लोग स्क्रीनिंग के बाद डेंटिस्ट के पास गए (आईडीए डेटा)। इससे प्रदर्शित होता है कि इस मूवमेंट ने भारतीयों को कार्रवाई के लिए प्रेरित किया।
इसके अलावा, पूरे देश में चले इस मूवमेंट ने भारत में ओरल हेल्थ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन मुख्य क्षेत्रों को उजागर किया, जिन पर तुरंत ध्यान दिए जाने और कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है। इन निष्कर्षों से देश में ओरल हेल्थ के अभियानों का भविष्य तय होगा।
कोलगेट के ओरल हेल्थ मूवमेंट में भाग लेने वाले लोगों के आधार पर, भारत में औसत ओरल हेल्थ स्कोर 5.0 में से 2.6 है।
ओरल हेल्थ स्कोर में कैविटी, मसूड़ों की समस्या और दाग-धब्बों के जोखिम का आकलन करके व्यक्ति की ओरल हेल्थ के बारे में ठोस व व्यक्तिगत जानकारी दी जाती है। जिन लोगों का ओरल हेल्थ स्कोर ज्यादा रहा, उनमें एक आदत समान थी कि वो सभी एक विशेष सेहतमंद दिनचर्या का पालन करते थे। इसमें दिन में दो बार ब्रश करना, कैफीन और शुगर वाले बेवरेज कम लेना, स्वस्थ और पौष्टिक खाना लेना तथा तंबाकू से परहेज करना शामिल था।
इस मूवमेंट में प्राप्त हुए ओरल हेल्थ के मुख्य नतीजे निम्नलिखित हैं:
41% लोगों के दांतों में कैविटी का बड़ा खतरा है। 44% को मसूड़ों की समस्या है और 14% के दांतों में दाग-धब्बे हैं।
72% भारतीयों को ओरल हेल्थ की कम से कम समस्या का बहुत अधिक जोखिम है, जबकि 4% को तीनों (कैविटी, मसूड़ों की समस्या, दाग-धब्बे) का जोखिम है।
जांच में शामिल 4.5 मिलियन भारतीयों में से केवल 10% को ही 5/5 का डेंटल हेल्थ स्कोर मिला।
आयु वर्गों और क्षेत्रों के अनुसार अलग-अलग रुझान सामने आए:
50 वर्ष से अधिक उम्र के 60% से अधिक भारतीयों को मसूड़ों की समस्याओं का जोखिम अधिक है।
पूर्वी भारत में दांतों पर दाग होने के मामले अधिक पाए गए, जिसका मुख्य कारण तंबाकू का सेवन है।
केरल, झारखंड और राजस्थान में कैविटी के मामले अधिक मिले। यहाँ 50% से अधिक लोगों को इसका जोखिम ज्यादा था।
दो प्रमुख आबादियों में कैविटी का खतरा अधिक पाया गया: 3-12 वर्ष की आयु के 50% बच्चों और 64 वर्ष से अधिक आयु के 72% व्यस्कों को इसका खतरा है। इन समूहों पर विशेष ध्यान दिए जाने और इसकी रोकथाम किए जाने की आवश्यकता है।
अध्ययन में शामिल 4.5 मिलियन लोगों में से, 24% को सबसे कम 1 का स्कोर मिला।
इन नतीजों तथा भारत में ओरल हेल्थ के बारे में बातचीत को बढ़ावा देने के लिए, कोलगेट ने आज नई दिल्ली में ‘ओरल हेल्थ मूवमेंट समिट’ का आयोजन किया। इस समिट में भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, जे.पी. नड्डा तथा ओरल केयर के क्षेत्र में अन्य प्रतिष्ठित लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें भारत में ओरल हेल्थ की स्थिति पर गहन चर्चा हुई।
समिट में उपस्थित कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, सुश्री प्रभा नरसिम्हन ने कहा, “कोलगेट 87 वर्षों से अधिक समय से, भारत का सबसे भरोसेमंद ओरल केयर ब्रांड है। इसका विकास इनोवेशन और विज्ञान की विरासत के साथ हुआ है। ओरल हेल्थ की रक्षा करना आसान व किफायती है। आपको दिन में दो बार केवल ₹2 खर्च करने हैं और 2 मिनट का समय देना है। इस मूवमेंट में सामने आया कि ओरल हेल्थ महत्वपूर्ण होने के बाद भी इसको अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। ओरल हेल्थ अच्छी हो तो डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं और सांस के संक्रमणों आदि का जोखिम भी कम होता है। इसलिए व्यक्ति के अपने स्वास्थ्य और देश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बोझ में भी कमी आती है।
हम भारत सरकार द्वारा हेल्थकेयर पॉलिसी में किए गए दूरदर्शी विकास का स्वागत करते हैं, जिसमें नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम और नेशनल डेंटल कमीशन एक्ट भी शामिल हैं। हमारे कोलगेट ब्राइट स्माइल्स, ब्राइट फ्यूचर्स® (BSBF) जैसे प्रोग्राम्स ने दूर-दूर तक पहुँचकर भारतीय परिवारों में टूथपेस्ट के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जिसमें ओरल हेल्थ को एक समन्वित, नीति-संचालित दृष्टिकोण द्वारा प्राथमिकता दी जाए, जिससे हर किसी का स्वास्थ्य सुनिश्चित हो सके। कोलगेट ब्राइट स्माइल्स, ब्राइट फ्यूचर्स® (BSBF) कार्यक्रम के लिए हमारी राज्य-स्तरीय पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) उत्तर प्रदेश, गोवा, असम, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा विभागों के साथ मिलकर परिवर्तन ला रही है। इस पार्टनरशिप के प्रभावी नतीजे मिल रहे हैं, जिससे सामूहिक प्रयास की शक्ति प्रदर्शित होती है।
कोलगेट ओरल हेल्थ मूवमेंट (OHM) में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है, जिससे ओरल केयर को भारत के सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवा एजेंडे में शामिल करने में मदद मिलेगी। हम ओरल हेल्थ मूवमेंट द्वारा उत्पन्न गति को बनाए रखने और अपने इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री, जे.पी. नड्डा ने कहा, “”आईडीए के साथ साझेदारी में कोलगेट के ओरल हेल्थ मूवमेंट ने हमेशा से नज़रअंदाज़ की जा रही ओरल हेल्थ को एक नेशनल प्रायोरिटी में बदल दिया है। यह मूवमेंट 2014 में शुरू किए गए सरकार के नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम को सपोर्ट करता है। मैं इस आंदोलन को शुरू करने और 45 लाख से ज़्यादा डेंटल स्क्रीनिंग करने के लिए कोलगेट-पामोलिव इंडिया लिमिटेड का धन्यवाद करता हूं। इस पहल ने न केवल जागरूकता बढ़ाई है, बल्कि ओरल हैल्थ को जनता में चर्चा का विषय भी बनाया है। यह इस बात की एक बेहतरीन मिसाल है कि इस तरह के सहयोग से कैसे एक स्वस्थ भारत बनाने के लिए प्रभावशाली बदलाव लाये जा सकते हैं।”।
कोलगेट के ओरल हेल्थ मूवमेंट की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इसे मल्टी-टचपॉइंट कैंपेन के रूप में आगे बढ़ाया गया। ऑम्नी-चैनल दृष्टिकोण के साथ, क्यूआर कोड और एआई-इनेबल्ड टूल्स की मदद से कंपनी ने भारतीय रेलवे, मुख्य निगमों, रिटेल आउटलेट्स तथा महाकुंभ में भी ऑन-ग्राउंड स्क्रीनिंग की।
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